भाषा अधिगम में व्याकरण की भूमिका

१. छात्र व्याकरण के माध्यम से ………………
करना सीखते हैं।
(१) ध्वनियों का शुद्ध उच्चारण
(२) विराम-चिह्नों का शुद्ध प्रयोग
(३) भाषा का लिखित एवं मौखिक रूप से शुद्ध
प्रयोग
(४) ध्वनियों में सूक्ष्म अन्तर
२. भाषा की शिक्षिका होने के नाते व्याकरण
पढ़ाते हुए आपका उद्देश्य होगा
(१) बच्चों को व्याकरणिक नियमों से अवगत
कराना
(२) बच्चों को भाषिक संरचनाओं से अवगत कराना
(३) बच्चों को वाक्य रचना के नियम बताना
(४) भाषा का शुद्ध प्रयोग करना सिखाना
३. निगमन विधि है
(१) नियम बताकर उदाहरण देना
(२) उदाहरण देकर नियम समझाना
(३) भाषा का अनुकरण करने की विधि
(४) बिना उदाहरण दिए भाषा सिखाना
त्र् Aäास्ु र्ळैं
४. आगमन विधि द्वारा व्याकरण पढ़ाने में
कौन-सा/से शिक्षण सूत्र कार्य करता/करते
है/हैं?
(१) मूर्त से अमूर्त की ओर
(२) कठिन से सरल की ओर
(३) ज्ञात से अज्ञात की ओर
(४) १ और ३
५. ‘उसने पढ़ा।’, ‘उसने खाया।’ और ‘उसने
चीखा।’ जैसे भाषा प्रयोग दर्शाते हैं
(१) नियम का उल्लंघन
(२) सन्दर्भ की समझ न होना
(३) नियम कण्ठस्थ न होना
(४) नियमों का अति सामान्यीकरण
६. पाँचवीं कक्षा की अध्यापिका छात्रों को
व्याकरण पढ़ाने के लिए प्रसिद्ध लेखकों की
पुस्तकें पढ़ाती है। वह व्याकरण पढ़ाने के
लिए किस विधि का प्रयोग कर रही है?
(१) आगमन विधि (२) भाषा संसर्ग विधि
(३) समवाय विधि (४) सह-सम्बन्ध विधि
७. मुहावरे और लोकोक्तियों का प्रयोग करना
(१) व्याकरण का प्रमुख हिस्सा है।
(२) हिन्दी भाषा-शिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण
उद्देश्य है।
(३) भाषिक अभिव्यक्ति को प्रभावी बनाता है।
(४) केवल गद्य पाठों के अभ्यासों का हिस्सा है।
८. व्याकरण शिक्षण के सन्दर्भ में कौन-सा
कथन सही है?
(१) व्याकरण शिक्षण के लिए समय-सारणी में
अलग से कालांशों की व्यवस्था होनी चाहिए।
(२) भाषा प्रयोग की अपेक्षा भाषा-नियमों को ही
महत्त्व देना चाहिए।
(३) बच्चे परिवेश में उपलब्ध भाषिक प्रयोगों के
आधार पर स्वयं भाषा के नियम बनाने की क्षमता
रखते हैं।
(४) व्याकरण शिक्षण अत्यन्त आवश्यक है।
९. व्याकरण शिक्षण को सरस एवं रुचिकर
बनाने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा
उपाय नहीं किया जा सकता?
(१) व्याकरण की पाठ्यचर्या छात्रों के स्तरानुकूल
बनाना
(२) व्यावहारिक व्याकरण की शिक्षा भाषा संसर्ग
विधि से देना
(३) छात्रों को नियम व परिभाषाएँ रटने के लिए
प्रोत्साहित किया जाना
(४) व्याकरण शिक्षण को दृश्य-श्रव्य सामग्री के
प्रयोग से रोचक बनाया जाए
१०. स्कूलों में प्राय: व्याकरण शिक्षण नीरस व
अरुचिकर हो जाता है। इसका कारण क्या है?
(१) शिक्षकों को व्याकरण का पर्याप्त ज्ञान न होना
(२) अन्य विषयों के शिक्षण में किसी भाषा के
व्याकरण का कोई योगदान नहीं होता
(३) व्याकरण को सिखाने के लिए प्राय: पुस्तक
प्रणाली का सहारा लिया जाता है
(४) व्याकरण सीखने में छात्रों की कोई रुचि
नहीं होती
११. प्राथमिक कक्षाओं में खेल द्वारा शिक्षण
विधि के अन्तर्गत व्याकरण शिक्षण किस
प्रकार बेहतर रहता है?
(१) रिक्त स्थानों की पूर्ति द्वारा
(२) वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के आधार पर
(३) उच्चस्तरीय खेल प्रतियोगिता द्वारा
(४) पाठ्य-पुस्तक का अध्ययन करवाकर
१२. मन्दिरा पहली कक्षा में पढ़ती है और ‘मुझे
आम बहुत अच्छा लगता है’ ‘मैं थक गई’
आदि वाक्यों का प्रयोग करती है। मन्दिरा
डण्ऊEऊ व्aह २०१२़
(१) िंलग, वचन, क्रिया आदि की दृष्टि से सर्वनाम
का प्रयोग करना जानती है।
(२) केवल सर्वनाम का ही प्रयोग जानती है।
(३) केवल िंलग की दृष्टि से ही सर्वनाम का
समुचित प्रयोग करना आवश्यक है।
(४) केवल ‘मैं’ वाले वाक्य ही बोल सकती है।
१३. भाषा के व्याकरण की समझ को
डण्ऊEऊ र्‍दन् २०१२़
(१) केवल लघुत्तर प्रश्नों के माध्यम से आँका जाना
चाहिए।
(२) निबन्धात्मक प्रश्नों के माध्यम से आँका जाना
चाहिए।
(३) सन्दर्भ पूर्वक प्रश्नों के माध्यम से आँका जाना
चाहिए।
(४) केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के माध्यम से आँका
जाना चाहिए।
१४. व्याकरण-शिक्षण की आगमन विधि की
विशेषता है डण्ऊEऊ एाज् २०१५़
(१) पहले नियम बताना
(२) पहले नियम का विश्लेषण करना
(३) पहले मनोरंजन गतिविधियाँ कराना
(४) पहले उदाहरण प्रस्तुत करना
१५. निम्नलिखित में से किसके अभाव में हम
पढ़ नहीं सकते? डण्ऊEऊ एाज् २०१६़
(१) लिपि से परिचय
(२) बारहखड़ी से परिचय
(३) वर्णमाला की क्रमबद्धता का ज्ञान
(४) संयुक्ताक्षरों की पहचान
१६. बच्चों के भाषा-प्रयोग में होने वाली
‘त्रुटियों’ के सम्बन्ध में कौन-सा कथन
उचित नहीं है? डण्ऊEऊ व्ल्त् २०२१़
(१) त्रुटियों का अर्थ नहीं है—शिक्षक में कमी
(२) त्रुटियाँ सीखने की प्रक्रिया का एक पड़ाव हैं
(३) त्रुटियों का अर्थ है—भाषा-अज्ञानता
(४) त्रुटियाँ बच्चों की मदद का मार्ग तय करती हैं
१७. सलमा पहली कक्षा में पढ़ती है। वह
‘किताब’ शब्द को ‘कतब’ लिखती है।
सलमा का लिखने का यह तरीका ………..
को दर्शाता है। डण्ऊEऊ व्aह २०२१़
(१) नियन्त्रित लेखन (२) लापरवाही
(३) अज्ञानता (४) स्व-वर्तनी
१८. निम्नलिखित में से कौन-सी शब्द संपदा
निर्माण की रणनीति नहीं है?
डण्ऊEऊ अम् २०२१़
(१) सन्दर्भ में शब्दों को परिभाषित करना
(२) वर्णों की रूपरेखा बनाना
(३) शब्द के भागों का विश्लेषण करना
(४) संबद्धता स्थापित करना
१९. एक अध्यापक अपनी कक्षा में विभिन्न
समूहों को दस शब्दों का एक समूह देती है।
वह ऐसे शब्द ढूँढ़ने के लिए कहती है जो
शब्द से समानता रखते हों और नया शब्द
बनाने के लिए उनके आगे उपसर्ग या पीछे
प्रत्यय जोड़ा जा सके।
इसे क्या कहा जाता है? डण्ऊEऊ व्aह २०२२़
(१) शब्द जाल
(२) थीम विषयक शब्द संपदा
(३) विन्यास
(४) शब्द समूह
२०. व्याकरण सीखने से क्या आशय है?
डण्ऊEऊ व्aह २०२२़
(१) व्याकरण के नियम सीखना
(२) सर्वप्रथम नियम सीखना और बाद में उसका
प्रयोग कर सकना
(३) अर्थ से सन्दर्भ में प्रयोग करना सीखना
(४) किसी भी भाषा के लिखित और बोले जाने
वाले स्वरूप में गलतियाँ निकालना
२१. कक्षा तीन की अध्यापिका अंकिता को पता
चलता है कि शिक्षार्थी नवीन जानकारियों को
मौखिक रूप से लेने के बजाय लिखित रूप
में लेना पसंद करते हैं। इन शिक्षार्थियों की
अधिगम शैली कौन-सी है?
डण्ऊEऊ व्aह २०२२़
(१) श्रव्य
(२) दृश्य
(३) गतिबोधक
(४) सौन्दर्य बोध
२२. रचनावादी कक्षा में भाषा अधिगम किस पर
आधारित होना चाहिए? डण्ऊEऊ व्aह २०२२़
(१) व्याकरणिक इकाइयों की ड्रिल और अभ्यास
पर
(२) शिक्षक द्वारा सुझाई गई पाठ्य-पुस्तक को
पढ़ाकर
(३) यह मान्यता है कि भाषा तभी सीखी जा
सकती है जब शिक्षक विद्यार्थियों को भाषा
सिखाएँ
(४) विद्यार्थियों के पूर्व अनुभवों को आधार बनाकर,
प्रामाणिक कार्यों द्वारा नवीन ज्ञान की खोज

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × four =

error: Content is protected !!
Scroll to Top