रस |
1. वाक्यं रसात्मकं काव्यम् कहने वाले आचार्य हैं?
(अ) मम्मट
(ब) विश्वनाथ
(स) भरत
(द) राजशेखर
2. शांत रस का स्थायी भाव है?
(अ) वैराग्य
(ब) क्षमा
(स) दया
(द) निर्वेद
3. किस रस का स्थायी भाव रति है?
(अ) भक्ति रस
(ब) शृंगार रस
(स) दोनों का
(द) दोनों का नहीं
4. माधुर्य गुण का किस रस में प्रयोग होता है?
(अ) शांत रस
(ब) श्रृंगार
(स) भयानक रस
(द) रौद्र रस
5. ‘उत्साह’ स्थायीभाव से किस रस की निष्पत्ति होती है?
(अ) शांत रस
(ब) भयानक रस
(स) रौद्र रस
(द) वीर रस
6. समरस थे जड़ या चेतन सुन्दर साकार बना था। चेतनता एक विलसती आनन्द अखंड घना था ।” इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(अ) श्रृंगार रस
(ब) करुण रस
(स) शान्त रस
(द) भयानक रस
7. वीभत्स रस का स्थायी भाव है?
(अ) भय
(ब) निर्वेद
(स) जुगुप्सा
(द) घृणा
8. राम के रूप निहारित जानकी कंगन के नग की परछाही यातो सबै सुधि भूलि गई कर टेकि रही पल टारति नाहीं । उपर्युक्त काव्य खंड में किस रस को प्रयुक्त किया गया है?
(अ) वीर रस
(ब) श्रृंगार रस
(स) भक्ति रस्
(द) वात्सल्य रस
9. निम्न पंक्तियों में कौन-सा रस है- बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाय-
(अ) संयोग श्रृंगार रस
(ब) रौद्र रस
(स) वियोग श्रृंगार रस
(द) हास्य रस
10. शोभित कर नवनीत लिए घुटरुनि चलन रेनु तन मण्डित मुख दधि लेप किए। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(अ) शृंगार रस
(ब) हास्य रस
(स) करुण रस
(द) वात्सल्य रस
11. निम्न में से किस रस का स्थायी भाव शोक है?
(अ) रौद्र
(ब) वीर
(स) करुण
(द) भयानक
12. जब पहुँची चपला बीच धार, छिप गया चाँदनी का कगार ! दो बाहों के दूरस्थ तीर धारा का कृश कोमल शरीर आलिंगन करने को अधीर! इस पंक्तियों में कौन-सा रस निहित है?
(अ) संयोग श्रृंगार
(ब) वीर रस
(स) शान्त रस
(द) वात्सल्य रस
13. प्रकृति के यौवन का श्रृंगार करेंगे कभी न बासी फूल; मिलेंगे वे जाकर अति शीघ्र इस पंक्ति में कौन-सा रस निहित है?
(अ) शृंगार रस
(ब) वीर रस
(स) शांत रस
(द) वात्सल्य रस
14. तपस्वी! क्यों इतने हो क्लान्त, वेदना का यह कैसा वेग ? आह! तुम कितने अधिक हताश बताओ यह कैसा उद्वेग ? इस पंक्ति में कौन-सा रस निहित है?
(अ) श्रृंगार रस
(ब) वीर रस
(स) शांत रस
(द) वात्सल्य रस
15. “देखि सुदामा की दीन दशा, करुणा करि के करुणानिधि रोये पानी परात से हाथ छुए नहिं, नयन के अंशुए पग धोये।” उपर्युक्त में कौन-सा रस है?
(अ) श्रृंगार रस
(ब) वीर रस
(स) रौद्र रस
(द) करुण रस
16. तूं तूं करता हूँ भया, मुझमें रही न हूँ। बारी फेरी बलि गई, जित देखाँ तित हूँ। इस पंक्ति में कौन-सा रस निहित है?
(अ) वियोग श्रृंगार रस
(ब) वीर रस
(स) शान्त रस
(द) वात्सल्य रस
17. दुःख ही जीवन की कथा रही, क्या कहूँ आज जो नहीं कही। उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा रस है?
(अ) करुण रस
(ब) श्रृंगार रस
(स) अद्भुत रस
(द) वीभत्स रस
18. निम्न पंक्ति में कौन-सा रस है?’मैं नीर भरी दुःख की बदली ।’
(अ) करुण रस
(ब) रौद्र रस
(स) वियोग रस
(द) हास्य रस
19. निम्नलिखित पंक्तियों में कौन-सा रस है? ‘एक ओर अजगरहि लखि एक ओर मृगराय । विकल बटोही बीच ही, परयों मूरछा खाय ।’
(अ) भयानक
(ब) करुण
(स) शांत
(द) भक्ति
20. संचारी भावों की संख्या है?
(अ) 9
(ब) 33
(स) 16
(द) 99
21. भरतमुनि के रससूत्र में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख नहीं है?
(अ) स्थायी भाव
(ब) शांत
(स) अनुभाव
(द) व्यभिचारी भाव
22. विभाव, अनुभाव और व्यभिचारी भावों के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। किसका कथन है?
(अ) भामह
(ब) भरत
(स) मम्मट
(द) जगन्नाथ
23. रसोत्पत्ति में आश्रय की चेष्टाएँ क्या कही जाती हैं?
(अ) विभाव
(ब) आलम्बन
(स) अनुभाव
(द) उद्दीपन
24. भरत के ‘रससूत्र’ में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख नहीं है?
(अ) विभाव
(ब) अनुभाव
(स) स्थायी भाव
(द) संचारी भाव
25. घिर रहे थे घुंघराले बाल अंश अवलम्बित मुख के पास नील घन शावक से सुकुमार, सुधा भरने को विधु के पास। इन पंक्तियों में कौन-सा रस निहित है?
(अ) संयोग श्रृंगार रस
(ब) वीर रस
(स) शान्त रस
(द) वात्सल्य रस
26. “राग है कि, रूप है कि रस है कि जस है कि तन है कि, मन है कि प्राण है कि, प्यारी है। उपर्युक्त पंक्तियों में रस है?
(अ) श्रृंगार
(ब) वत्सल
(स) अद्भुत
(द) शांत
27. मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोई। जा तन की झाँई परे स्याम हरित दुति होई ॥ उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(अ) भक्ति रस
(ब) श्रृंगार रस
(स) अद्भुत रस
(द) वीर रस
28. हिन्दी साहित्य के किस भाव को व्यभिचारी भाव भी कहा जाता है?
(अ) विभाव
(ब) अनुभाव
(स) स्थायी भाव
(द) संचारी भाव
29. बिनु गोपाल बैरनि भई कुंजैं। इस पंक्ति में कौन-सा रस निहित है?
(अ) वियोग श्रृंगार रस
(ब) वीर रस
(स) शांत रस
(द) वात्सल्य रस
30. वीभत्स रस का स्थायी भाव है?
(अ) भय
(ब) निर्वेद
(स) जुगुप्सा
(द) घृणा