निर्देश (प्र. सं. १-५०) नीचे कुछ परिच्छेद दिए गए हैं और उसके नीचे उस
परिच्छेद में दिए गए तथ्यों के आधार पर निकाले जा सकने वाले कुछ सम्भावित
अनुमान दिए गए हैं। आप प्रत्येक अनुमान की परिच्छेद के सन्दर्भ में अलग-अलग
परीक्षा कर उसकी सत्यता या असत्यता की मात्रा निश्चित कीजिए।
उत्तर दीजिए
(a) यदि अनुमान ‘निश्चित रूप से सत्य है’ अर्थात् वह दिए गए तथ्यों
का उचित रूप से अनुसरण करता है
(ं) यदि अनुमान ‘सम्भवत: सत्य है’ अर्थात् दिए गए तथ्यों के सन्दर्भ
में निश्चित रूप से सत्य नहीं है
(म्) यदि ‘दिए हुए तथ्य पर्याप्त नहीं हैं’ अर्थात् दिए हुए तथ्यों से
अनुमान सत्य है अथवा असत्य, यह आप नहीं कह सकते हैं
(्) यदि अनुमान ‘सम्भवत: असत्य है’ अर्थात् दिए गए तथ्यों के सन्दर्भ
में निश्चित रूप से असत्य नहीं है
(ा) यदि अनुमान ‘निश्चित रूप से असत्य है’ अर्थात् दिए हुए तथ्यों का
सम्भवत: अनुसरण नहीं करता है अथवा वह दिए गए तथ्यों के
विपरीत जाता है
परिच्छेद १
माइग्रेन जो अधिकांश युवा महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, बहुत
समय से माना जाता है कि यह एक भयंकर प्रहार का सूचक है। हाल ही की
खोजों से ज्ञात हुआ है कि जिन लोगों को स्लेटी और काले रंग की दृष्टि
का अनुभव होता है, उन्हें इस प्रहार का दोगुना खतरा होता है। जिन लोगों
को धब्बे, रेखाएँ या तेज प्रकाश कई मिनट तक दिखाई देता है, उन्हें भी
बहुत खतरा होता है। इस अध्ययन के अनुसार, जिन महिलाओं को माइग्रेन
के रहते हुए इस प्रकार के दृष्टिदोष की कठिनाई नहीं होती है, उनको
अधिक खतरा नहीं होता है। यद्यपि पुरानी खोजें विपरीत निष्कर्ष पर
पहुँची थीं। (एँघ् झ्ध् २००५)
१. काले रंग की दृष्टि का अनुभव मुख्यत: माइग्रेन के कारण होता है।
२. खोजों से ज्ञात हुआ है कि माइग्रेन के कारण भयंकर प्रहार की समस्या होती है।
३. माइग्रेन तथा देखने की परेशानी पुरुषों में बड़े खतरों की ओर संकेत नहीं
करती।
४. वे सभी जो माइग्रेन से पीड़ित हैं, उन्हें देखने में परेशानी का सामना करना
पड़ता है।
५. युवा महिलाएँ, जिन्हें दिखाई देने में अधिक परेशानी होती है तथा जो माइग्रेन से
पीड़ित हैं, वे खतरे के समूह में आती हैं।
परिच्छेद २
भूकम्प विज्ञान ने अन्वेषण के क्षेत्र में क्रान्ति ला दी है। आदित: जमीन की
सतह पर कोई विस्फोट प्रघाती तरंगों के निर्माण हेतु प्रयुक्त किया जाता था
और भूमि के नीचे से तरंगों के परावर्तन से नीचे क्या पड़ा होगा, उसके
मूल्यवान संकेत मिलते थे, तथापि इस स्तर पर भी तेल अन्वेषण आसान
नहीं था। भूकम्प सम्बन्धी सभी आँकड़ों का विश्लेषण करना आसान नहीं था,
क्योंकि पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के बहुत सारे
आँकड़ों को एकसाथ समझना जरूरी है। प्रौद्योगिकी ने क्रमिक रूप से
अन्वेषण में क्रान्ति पैदा कर दी है और इसे कला से एक यथार्थ विज्ञान के
रूप में रूपान्तरित कर दिया है। आज ३D भूकम्पी छवियाँ प्राप्त करना सम्भव
है, जबकि भूतकाल में २D छवियों तक को जोड़ना मुश्किल था। हालाँकि ये
अत्यधिक महत्त्वपूर्ण प्रमाण अंश हैं, कतिपय और भी साधन हैं, जो
भूवैज्ञानिकों को जमीन के नीचे तेल या गैस का भण्डार वास्तव में है या
नहीं, यह जानने के लिए सहायतार्थ बहुत संकेत देते हैं। (झ्र्ँ झ्ध् २००५)
६. केवल ३D भूकम्पी छवियाँ नीचे उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाने के
लिए पर्याप्त नहीं हैं।
७. पुराने दिनों में तेल की उपस्थिति का पूर्वानुमान वैज्ञानिक प्रमाण की तुलना में
निजी अनुभव के आधार पर अधिक किया जाता था।
८. केवल भूकम्प सम्बन्धी आँकड़े ही हमें नीचे तेल या गैस की उपस्थिति का
पूर्वानुमान करने में सहायता कर सकते हैं।
९. तेल और गैस के अन्वेषण कार्य में लगे वैज्ञानिक वर्तमान में सही रूप में नीचे
उपस्थित तेल और गैस की उपस्थिति का पूर्वानुमान कर सकते हैं।
१०. विज्ञान की प्रगति ने कुछ सीमा तक सहजानुभूत तेल और गैस अन्वेषण को
प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है।
परिच्छेद ३
एविएशन अपने स्वयं के अधिकार में एक उद्योग के रूप में और अन्य
उद्योगों की सफलता एवं स्पर्द्धात्मकता के लिए सहायक के रूप में महत्त्वपूर्ण
है। राष्ट्रीय स्पर्द्धात्मकता, आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के लिए
एविएशन उद्योग की सफलता अनिवार्य है। सूचना प्रौद्योगिकी,
बायोटेक्नोलॉजी, वित्त एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी नई अर्थव्यवस्था के क्षेत्र जिन
पर भारत की समृद्धि निर्भर है, ऐसे उद्योगों को एविएशन महत्त्वपूर्ण रूप से
समर्थन प्रदान करता है। यह एक निर्विवाद सत्य है कि भारत का हवाई
परिवहन उद्योग प्रगति के पथ पर अग्रसर है, तथापि यदि हम भावी उद्योगों
में स्पर्द्धा के लिए सक्षम होंगे, तो ही भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी सही
सम्भाव्यता सिद्ध कर पाएगी। जिन क्षेत्रों में विकास की सम्भावना है, उनमें
हमें मजबूत होना चाहिए और इस सन्दर्भ में भारतीय एविएशन की भूमिका
महत्त्वपूर्ण है।
११. भारत के आर्थिक विकास के लिए इसके एविएशन क्षेत्र का विकास महत्त्वपूर्ण है।
१२. भारत ने बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में बहुत विकास किया है।
१३. भारत में एविएशन क्षेत्र ने पूर्व में इसके आर्थिक विकास में अपनी भूमिका पूर्णत:
सिद्ध नहीं की है।
१४. भारत को आधारभूत संरचना के विकास में विशाल निवेश करने की
आवश्यकता है।
१५. उभरते हुए उद्योगों के विकास की भारत में अत्यधिक क्षमता है।
परिच्छेद ४
आज भारतीय बैंकों को उपलब्ध अवसर स्पेक्ट्रम इतना व्यापक है, जितना
पहले कभी नहीं था। अर्थव्यवस्था मजबूत प्लेटफॉर्म पर है। मानसून विफल
होने पर भी उDझ् लगभग सात या आठ प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
एयरपोर्ट आधारिक संरचना सहित विशेषत: आधारिक संरचना के क्षेत्र में
नीतिगत उपाय किए जा रहे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विपुल अदोहित
सम्भावनाएँ हैं, जिनका बैंक दोहन कर सकते हैं। अर्थव्यवस्था आधारभूत
दृढ़ता द्वारा संचालित हो रही है, जिसमें ५६ज्ञ् हिस्से सहित, सेवा क्षेत्र की
गति अत्यधिक तेज होती जा रही है, जबकि कुछ वर्ष पहले इसके विपरीत
यह प्रतिशत बहुत कम था। देश की आर्थिक गति में स्पष्टत: सेवा क्षेत्र प्रमुख
संचालक रहा है। औद्योगिक क्षेत्र जो पुनर्संरचना के दौर से गुजरा है,
लगभग दस प्रतिशत की सतत् वृद्धि दर्शा रहा है। देश की जनसंख्या
सम्बन्धी रूपरेखा में भी महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं। सत्तर प्रतिशत
भारतीयों की उम्र ३५ वर्ष से कम है। इस प्रकार भारत विश्व के सबसे युवा
देशों में से एक है। (एँघ् झ्ध् २००५)
१६. पिछले सात वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र में लगभग सौ प्रतिशत वृद्धि हुई है।
१७. आने वाले वर्षों में भारत का कंज्यूमर बेस अत्यधिक बड़ा होगा।
१८. एशियाई महाद्वीप में अन्य देशों की तुलना में आधारिक संरचना के निर्माण में
भारत ने पर्याप्त प्रगति की है।
१९. भारत की उDझ् वृद्धि, मानसून के दौरान होने वाली वर्षा की मात्रा पर निर्भर
नहीं होती है।
२०. सेवा क्षेत्र का विकास, औद्योगिक क्षेत्र की गति से नहीं हुआ है।
परिच्छेद ५
अर्जनों और गठजोड़ों के माध्यम से विकास, फार्मा और बायोटेक
विनिर्माताओं और उनके शेयरधारकों के लिए मूल्य सृजन का एक महत्त्वपूर्ण
भाग बन गया है। यदि कम्पनियाँ और उनके निवेशक रोगियों के लिए
अचानक अप्रत्याशित सुरक्षा जोखिम प्रस्तुत करने वाली किसी औषधि के
लिए अधिकार अर्जित करते हैं, तो उन्हें मूल्य नाश का जोखिम हो सकता
है। इसी प्रकार अर्जित कम्पनी द्वारा किया गया सुरक्षा के अनुपालन सम्बन्धी
उल्लंघन, संव्यवहार के अन्तिम मूल्य और अर्जक की प्रतिष्ठा को अत्यधिक
हानि पहुँचा सकता है। वर्ष २०१० में फार्मा और बायोटेक कम्पनियों के बीच
सौदे तय करने की गति सतत् तीव्रता से बढ़ती रही और १७ज्ञ् की वृद्धि
सहित त्र् १८ बिलियन हो गई। फार्मा कम्पनियाँ विशिष्टत: क्रेता थीं और नई
औषधियाँ और बायोलॉजिक्स की प्राप्ति के लिए प्रतियोगिता तीव्र होने के
कारण उनके द्वारा अदा किए गए प्रीमियम अत्यधिक बढ़ गए। प्रतियोगिता
की वजह से कीमतें बढ़ती जाती हैं। अत: दिन-पर-दिन जोखिम बढ़ता जाता
है और अधिक अनिश्चितता सहित नियम तत्परता से कम समय में सौदे का
तय करना पिछड़ जाता है। (घ्ह्ग्aह ँaहव् झ्ध् २००७)
२१. हाल ही में फार्मास्यूटिकल कम्पनियाँ बायोटेक कम्पनियों के अर्जन को वरीयता
देती थीं।
२२. बायोटेक कम्पनियाँ फार्मास्यूटिकल कम्पनियों के अर्जन के लिए समर्थ नहीं हैं।
२३. बायोटेक कम्पनियों के अर्जन के बाद कभी-कभी फार्मास्यूटिकल कम्पनियों को
घाटा हो सकता है।
२४. बायोटेक कम्पनियों के अर्जन सम्बन्धी वार्ता करते समय फार्मास्यूटिकल
कम्पनियों के लिए सुरक्षा सम्बन्धी मसले अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं।
२५. सम्भाव्य क्रेताओं के बीच कड़ी प्रतियोगिताओं के परिणामस्वरूप बायोटेक
कम्पनियों के मूल्य का ह्रास हुआ है।
परिच्छेद ६
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एक विशाल लाभकारी व्यवसाय के अवसर के रूप
में उभर रही है। निजी उद्यमों से गैर-भरोसेमन्द परिचालकों तक कई लोग
इस क्षेत्र में रास्ता खोल रहे हैं। राज्य के लिए इस ज्वार को रोकना न तो
व्यावहारिक है, न वांछित। बल्कि राज्य की भूमिका इस उत्साह को
अधिकाधिक सामाजिक कल्याण में परिवर्तित करने की होनी चाहिए। पहला
कदम इस काल्पनिक कथा को बन्द करने की आवश्यकता है कि शिक्षा एक
पवित्र मिशन है और इसका व्यवसाय करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कम्पनियों को शिक्षा संस्थान और सुचालित व्यवसाय चलाने दीजिए जिनके
पारदर्शी लेखे हों और जो लाभांश घोषित करें। उच्च शिक्षा में निजी फण्डों
को इस क्षेत्र में प्रवेश न करने देना राज्य का मामला नहीं है, बल्कि राज्य
को अपनी संलिप्तता बढ़ानी चाहिए और इसे एक भिन्न रूप देना चाहिए।
(ँध्घ् झ्ध् २०१०)
२६. सरकार के पास सभी शिक्षा संस्थानों को चलाने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
२७. निजी कम्पनियों द्वारा चलाए जाने वाले सभी शिक्षा संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
देते हैं।
२८. शिक्षा के क्षेत्र में निजी कम्पनियों के आने से व्यापक स्तर पर समाज को लाभ
होगा।
२९. कई व्यवसाय गृह बाजार में अपनी दृश्यता अर्जित करने के लिए शिक्षा क्षेत्र में
आ गए हैं।
३०. शिक्षा के क्षेत्र में निजी कम्पनियों के प्रवेश पर सरकार को रोक लगानी चाहिए।
परिच्छेद ७
आज निवेशकों के पास निवेश हेतु कुछ वर्ष पूर्व उपलब्ध विकल्पों से अधिक
विकल्प हैं। कोई भी निर्णय लेने के लिए विकल्प का होना तब तक अच्छा है,
जब तक यह वैविध्य, विभेदीकरण और बेंचमार्विंâग उपलब्ध कराता है। यदि
विकल्प अधिकांशत: समान और भेद रहित हों, तो इसका परिणाम
अव्यवस्था और शोरगुल होता है। विकल्प की इस समस्या से समझदारी से
निपटने के लिए, निवेश के लिए अपने उद्देश्य-आय और ग्राह्य जोखिम
दोनों को निर्धारित करना और उसके बाद सम्भव विकल्प पहचानना
आवश्यक है। निवेशक के लिए विकल्प का चयन और नियमित रूप से यह
मॉनीटर करना आवश्यक है कि उद्देश्य और निवेश का परिणाम आपस में
मेल खाते हों। यह सहज लगता है, किन्तु अत्यधिक जटिल परिस्थिति का
निर्माण कर सकता है, जो धन की मात्रा के साथ कई गुना अधिक जटिल हो
सकती है। (एँघ् झ्ध् २०१०)
३१. अधिक राशि का निवेश छोटी राशि के निवेश की अपेक्षा सरल होता है।
३२. निवेशक को प्रत्येक निवेश विकल्प के जोखिम का आलोचनात्मक ढंग से
मूल्यांकन करना आवश्यक है।
३३. आज के निवेशकों को निवेश करने से पहले अपने निर्णय को अधिक
आलोचनात्मक ढंग से प्रयोग करना होगा।
३४. एक ही प्रकार के बहुविध निवेश विकल्प बेहतर निवेश निर्णय करने में सहायक
होते हैं।
३५. पहले, सामान्यत: निवेशकों का मार्गदर्शन निधि प्रबन्धक करते थे।
परिच्छेद ८
आजकल प्राकृतिक संसाधनों की बढ़ती कमी एक वैश्विक मूलभूत प्रवृत्ति है।
हाल ही के वर्षों में तेल और गैस की कीमतें अत्यधिक बढ़ गई हैं। इस वर्ष
खाद्यान्न की कीमतें आसमान को छू गई हैं इससे गरीबों को अत्यधिक
कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के
बीच आय का अत्यधिक अन्तरण हो गया है। प्राकृतिक संसाधनों की कीमतों
में वृद्धि का आधारभूत कारण है, विशेषत: चीन और भारत में अत्यधिक
विकास जिसका भूमि, िंटबर, तेल और गैस की आरक्षितियों और जल
आपूर्ति की वास्तविक सीमाओं पर गहरा आघात होता है। इस प्रकार जहाँ
कहीं प्राकृतिक माल और सेवाओं का बाजारों में व्यापार होता है (जैसा ऊर्जा
और खाद्यान्न के साथ), जब उनका बाजार में व्यापार नहीं होता है (जैसा
स्वच्छ हवा के साथ) तब कीमतें बढ़ती हैं। ऊँची कीमतों के अतिरिक्त इसका
परिणाम है प्रदूषण और रिक्तीकरण। विश्व में खाद्यान्न की कीमतों में
आकस्मिक वृद्धि के कई कारण हैं किन्तु इसका आरम्भिक बिन्दु है बढ़ता
हुआ खाद्यान्न का उपभोग, जो चीन के आर्थिक विकास से अत्यधिक सशक्त
होता है। चीन की जनसंख्या विशिष्टत: अधिक मांस का अर्जन करती है,
जिसके लिए सोयाबीन और मक्के से बने पशु खाद्य का बड़ी मात्रा में आयात
आवश्यक हो जाता है। इसके अतिरिक्त ऊर्जा की बढ़ती हुई वैश्विक कीमतों
ने खाद्यान्न उत्पादन अधिक महँगा कर दिया है, क्योंकि इसके साथ ही
परिवहन, खेती और उर्वरकों के लिए बहुत-सी ऊर्जा आवश्यक होती है।
इसके साथ-साथ ऊर्जा की बढ़ती हुई कीमतें किसानों को खाद्यान्न उत्पादन
से ईंधन के उत्पाद की ओर प्रवृत्त होने के लिए अत्यधिक प्रेरणा देती है।
(एब्ह्ग्म्aूा ँaहव् झ्ध् २००८)
३६. भारत और चीन में हो रहा विकास प्राकृतिक संसाधनों की कीमतों में वृद्धि का
कारण नहीं है।
३७. ईंधन के उत्पादन के लिए कच्ची सामग्री का उत्पादन करने की तुलना में
किसानों को खाद्य वस्तुओं के उत्पादन से अधिक आय होती है।
३८. अपनी सकल घरेलू आवश्यकता से चीन का खाद्यान्न उत्पादन बहुत कम है।
३९. वातावरण के लिए कम अनुकूल क्रियाकलापों के बिना सोचे-समझे किए गए
उपयोग से नॉन-ट्रेडेबल प्राकृतिक संसाधनों का अन्धाधुन्ध दूषण होता है।
४०. चीन और भारत को छोड़ अन्य देश अपने यहाँ खाद्यान्न और ऊर्जा का पर्याप्त
उत्पादन करते हैं।
परिच्छेद ९
पूँजी की कार्यकुशलता लम्बे समय से उपेक्षा की शिकार रही है और अभी
भी बनी हुई है। यह पहलू ग्यारहवीं योजना के मसौदे में रेखांकित हुआ है।
विडम्बनात्मक रूप से इसकी माँग के लिए, क्योंकि निवेश की दर
वर्ष २०१०-११ में उDझ् के २९ज्ञ् से बढ़ाकर ३५ज्ञ् की जा रही है। विडम्बना
इस तथ्य में निहित है कि योजना आयोग ने लगातार वर्द्धमान पूँजी उत्पादन
अनुपात (घ्ण्ध्R) पर औचित्य सिद्ध करने के उपकरण के रूप में भरोसा
किया है न कि कार्यकुशलता बढ़ाने के उपकरण के रूप में जिसके लिए यह
बना है। फिर भी अवधारणात्मक रूप से अनुपात का आशय विद्यमान और
जुड़ रहे पूँजीगत स्टॉक का लाभ उठा लेना है। इस समय अनुपात ७ है
अर्थात् १ के उत्पादन के लिए ७ गुना पूँजी की आवश्यकता है। यदि
वर्ष २००७-१२ के दौरान प्रभावी अनुपात को कम कर लिया जाए, तो समय
के साथ निवेश के ३५ज्ञ् से कम स्तर के साथ उDझ् को ९ज्ञ् वृद्धि मूल्य
हासिल करना सम्भव हो सकेगा। इस बात पर कोई सन्देह नहीं करता है कि
उDझ् में वृद्धि की ऊँची-दर के लिए पूँजी निर्माण महत्त्वपूर्ण होता है, लेकिन
कार्यकुशलता पूँजीगत स्टॉक पर उतना निर्भर नहीं करती जितना इसके
उपयोग पर करती है। (ळहग्ूा् ँaहव् झ्ध् २००६)
४१. निवेश की वर्तमान दर उDझ् के ३०ज्ञ् के लगभग है।
४२. यदि पूँजी उत्पादन अनुपात ऊँचा होगा, तो उDझ् की वृद्धि भी अधिक होगी।
४३. जब निवेश की दर बढ़ जाती है, तो पूँजी उत्पादन अनुपात भी बढ़ जाता है।
४४. पूँजी की कार्यकुशलता अधिकतर पूँजीगत स्टॉक पर निर्भर करती है।
४५. भारत सरकार पूँजी की कार्यकुशलता के मुद्दे को अब पर्याप्त महत्त्व दे रही है।
परिच्छेद १०
मुख्यत: उन्नत प्रौद्योगिकियों के आविष्कार और प्रसार से दीर्घावधि आर्थिक
प्रगति होती है। प्रिण्टिंग प्रेस से वैज्ञानिक क्रान्ति, स्टीम इंजन से औद्योगिक
क्रान्ति और खेतों की बढ़ी हुई उपज-तथाकथित ‘हरित क्रान्ति’ से अकाल से
भारत का छुटकारा सम्भव हुआ था। इस समय अमीर देश हर वर्ष कोयले,
तेल और प्राकृतिक गैस के उपयोग से कई बिलियन टन कार्बन
डाइ-ऑक्साइड पैâलाकर विश्व की आबोहवा में परिवर्तन कर रहे हैं। भावी
वर्षों में चीन और भारत वायुमण्डल में बढ़ी हुई कार्बन डाइ-ऑक्साइड में
भारी योगदान देंगे। अभी तक कोई भी देश, अमीर या गरीब, अपनी ऊर्जा
का उपयोग इस िंचता के कारण कम करना नहीं चाहता है कि ऐसा करने में
नौकरियों, आमदनियों और आर्थिक विकास को खतरा होगा। नई
प्रौद्योगिकियाँ समाधान का एक प्रमुख हिस्सा बनेंगी। गेसोलीन और बैट्री
पॉवर से मिलकर चलने वाली ‘हाइब्रिड‘ कारें पहले ही ईंधन की दक्षता को
लगभग दोगुना और कार्बन डाइ-ऑक्साइड के पैâलाव को आधा कर रही हैं।
इसी तरह से पॉवर प्लाण्टों में जलने वाले कोयले से निकलने वाली कार्बन
डाइ-ऑक्साइड को वैâप्चर करने और सुरक्षित रूप से जमीन के नीचे स्टोर
करने के तरीकों का इंजीनियरों ने विकास कर लिया है। ‘कार्बन वैâप्चर और
सिक्वेस्ट्रेशन’ नामक नयी प्रौद्योगिकी बिजली के उत्पादन के समय प्रसरित
कार्बन डाइ-ऑक्साइड को ८०ज्ञ् कम कर सकती है। (ँध्श् झ्ध् २००६)
४६. नई प्रौद्योगिकियाँ केवल बिजली के निर्माण द्वारा हुए कार्बन डाइ-ऑक्साइड के
निस्सरण को नियन्त्रित कर सकती हैं।
४७. कोई देश जितना अधिक विकसित होगा हवा के प्रदूषण में उसका योगदान
उतना ही कम होगा।
४८. विश्व के विकासशील देश कार्बन डाइ-ऑक्साइड का पैâलाव कम करने के लिए
नयी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
४९. आने वाले वर्षों में भारत और चीन विश्व के विकसित देशों की सूची में सबसे
ऊपर होंगे।
५०. वर्तमान प्रौद्योगिकियों को छोड़ नयी हाइब्रिड प्रौद्योगिकियों को अपनाना
व्यावहारिक रूप से सम्भव नहीं होगा।
१. दी गई जानकारी को पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए। (ण्aहara ँaहव् झ्ध् २०१८)
‘गैलेक्स फाइबर’ का निर्माण केवल देश A में होता है। पिछले तीन वर्षों के
दौरान पूरे विश्व में इसकी माँग बनी हुई है, कहीं कम तो कही ज्यादा । पिछले
आठ माह में लगभग ३५०० करोड़ के घाटे के कारण इससे होने वाले लाभ में
२०ज्ञ् की कमी आई है। देश A ने कभी भी ‘गैलेक्स फाइबर’ पर इतना बड़ा
नुकसान नहीं सहा है।
दिए गए कथन के आधार पर निम्न में से कौन-सा अनुमान ज्ञात किया जा
सकता है।
निष्कर्ष
(a) ‘गैलेक्स फाइबर’ निर्माता कम्पनी, इसमें होने वाले नुकसान के
कारण बन्द हो जाएगी
(ं) ‘गैलेक्स फाइबर’ बहुत ऊँची दरों पर अन्य देशों को निर्यात किया
गया है
(म्) यदि इसमें नुकसान न होता तो देश A ‘गैलेक्स फाइबर’ में उच्च
लाभ अर्जित करता
(्) ‘गैलेक्स फाइबर’ के निर्माण के लिए किसी भी देश के पास उचित
मशीनरी नहीं है
(ा) किसी समुदाय विशेष की माँग के अतिरिक्त अन्य कारक भी
इसकी बिक्री तथा लाभ पर प्रभाव डालते हैं
निर्देश (प्र. सं. २-४) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में, एक परिच्छेद दिया गया है
तथा उस पर आधारित चार निष्कर्ष (a), (ं), (म्) और (्) के रूप में दिए गए
हैं। अभ्यर्थी को अपनी दक्षता के अनुसार, परिच्छेद का विश्लेषण करके सही
निष्कर्ष को उत्तर के रूप में देना है।
२. संसद में हुए वाद-विवाद के बाद यह तय किया गया कि ‘संविधान में इस
संशोधन के बाद, कोई भी बच्चा जो चौदह वर्ष की आयु से कम है, किसी
पैâक्ट्री या खान या कारखानों या अन्य खतरे से पूर्ण रोजगार में नहीं लगाया
जाएगा’। यदि कोई भी संगठन या व्यक्ति ऐसा करते हुए पाए गए तो वह दण्ड
के लिए जिम्मेदार होंगे तथा बतौर जमानत उन्हें पाँच लाख रुपये अदा करने
पड़ेगें।
निष्कर्ष
(a) काम देने वाले व्यक्ति संविधान का पालन करते हैं
(ं) इस संविधान के संशोधन से पहले चौदह वर्ष की आयु से कम
बच्चों को कारखाने इत्यादि के कार्य में लगाया जाता था
(म्) पहले संगठन से जुर्माना वसूल करके उन्हें छोड़ दिया जाता था
(्) संविधान में किए गए इस संशोधन का असर न तो नागरिकों पर
पड़ेगा और न ही संगठनों पर
३. जानवरों से होने वाले सहायक उत्पादन, जैसे— बाल, खाल, सींग आदि
लगभग ५०ज्ञ् खाद्य प्रोटीन हैं। अमेरिकन रसायनशास्त्रियों ने इस प्रोटीन का
४५ज्ञ् अलग करने का तरीका विकसित कर लिया है। उन्होंने सोया-प्रोटीन को
निकालने के लिए जापान में तैयार एंजाइम का प्रयोग किया।
निष्कर्ष
(a) जानवर के सहायक उत्पादन वाले प्रोटीन की रचना सोया-प्रोटीन
जैसी ही होती है
(ं) अमेरिकन एंजाइम विकसित नहीं कर सके हैं
(म्) जानवरों से सहायक उत्पादन से ४५ज्ञ् सोया-प्रोटीन निकाला जा
सकता है
(्) सभी देशों के रसायनशास्त्री सोया-प्रोटीन की प्राप्ति के उपाय सम्बन्धी
४. भारत सरकार द्वारा हाल ही में घोषित पेंशन सम्बन्धी सूचना के विषय में बताया
गया है, जो व्यक्ति सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके लिए आयु
के अनुसार पेंशन में बढ़ोत्तरी इस प्रकार की जाएगी
आयु ८० वर्ष से ८५ वर्ष तक पेंशन २०ज्ञ् बढ़ेगी।
आयु ८५ वर्ष से ९० वर्ष तक पेंशन ३०ज्ञ् बढ़ेगी।
आयु ९० वर्ष से ९५ वर्ष तक पेंशन ४०ज्ञ् बढ़ेगी।
आयु ९५ वर्ष से १०० वर्ष तक पेंशन ५०ज्ञ् बढ़ेगी।
आयु १०० वर्ष से अधिक होते ही पेंशन दोगुनी हो जाएगी।
निष्कर्ष
(a) कोई भी नागरिक सरकारी बदलाव को नहीं मानता है
(ं) किसी भी सरकारी एवं गैर-सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त व्यक्तियों
के लिए यह सूचना आवश्यक है
(म्) यह पेंशन सूचना केवल सरकारी सेवानिवृत्त बाबूओं के लिए है न
कि अफसरों के लिए
(्) सभी सेवानिवृत्त सरकारी अफसरों व बाबूओं को पेंशन उनकी आयु
के अनुसार मिलेगी
निर्देश (प्र.सं. ५) नीचे दिए गए परिच्छेद को ध्यान से पढ़िए और उसके बाद
दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
पूरे विश्व में सरकार में प्रादेशिकता की एक महत्त्वपूर्ण प्रवृत्ति रही है, जिसके
परिणामस्वरूप १९९० के दशक से क्षेत्रों और समुदायों की ओर सत्ता का
व्यापक अधोगामी हस्तान्तरण होता रहा है। इस प्रक्रिया को, जिसके अन्तर्गत
अवराष्ट्रीय (सब-नेशनल) स्तर पर नई राजनीतिक सत्ताएँ और निकाय बनते
हैं तथा उनकी क्षमता और शक्ति में वृद्धि होती है, प्रति-विकास
(डिवोल्यूशन) कहते हैं। प्रति-विकास की विशेषता है कि यह तीन घटकों से
मिलकर बनता है, वे घटक हैं– राजनीतिक वैधता, सत्ता का विकेन्द्रीकरण
और संसाधनों का विकेन्द्रीकरण। यहाँ राजनीतिक वैधता से आशय है निचले
जनसमुदाय से विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया के लिए उठने वाली माँग, जिसमें
विकेन्द्रीकरण के लिए एक राजनीतिक बल निर्मित करने की क्षमता होती है।
कई मामलों में, आधारित स्तर पर इसके लिए पर्याप्त राजनीतिक संगठन
हुए बिना ही सरकार के ऊपरी स्तर से विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ
कर दी जाती है, और ऐसे मामलों में विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया प्राय: अपने
उद्देश्य पूरे नहीं कर पाती।
५. उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक तार्किक तर्कसंगत
और विवेचनात्मक निष्कर्ष (इन्फेरेंस) निकाला जा सकता है?
(ळझ्एण् ण्एAऊ २०१७)
(a) अवराष्ट्रीय राजनीतिक सत्ताओं के निर्माण के लिए और इस तरह
सफल प्रति-विकास और विकेन्द्रीकरण सुनिश्चित करने के लिए
शक्तिशाली जन नेताओं का उभरना अनिवार्य है
(ं) सरकार के ऊपरी स्तर से क्षेत्रीय समुदायों पर, कानून द्वारा या
अन्यथा, प्रति-विकास और विकेन्द्रीकरण को अधिरोपित किया जाना
चाहिए
(म्) प्रति-विकास को सफल होने के लिए ऐसे लोकतन्त्र की अपेक्षा होती
है, जिसमें निचले स्तर के लोगों की इच्छा की स्वतन्त्र अभिव्यक्ति
हो और आधारिक स्तर पर उनकी सक्रिय भागीदारी हो
(्) प्रति विकास होने के लिए जनता में क्षेत्रवाद की प्रबल भावना होनी
आवश्यक है
६. ‘‘स्वतन्त्रता से मेरा आशय एक ऐसा वातावरण इच्छुक रूप से बनाए रखने से
है जिसमें सभी मनुष्यों को अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में होने का अवसर मिले।’’
निम्नलिखित में से कौन-सा एक, उपर्युक्त कथन में निहित दृष्टिकोण को व्यक्त
करता है? (ळझ्एण् ण्एAऊ २०१५)
(a) स्वतन्त्रता मानवीय कार्यकलाप पर नियन्त्रण का अभाव है
(ं) स्वतन्त्रता वह है, जिसे निष्पादित करने के लिए लोगों को विधि की
अनुज्ञा प्राप्त है
(म्) स्वतन्त्रता मनचाहे कार्य करने का सामर्थ्य है
(्) स्वतन्त्रता मानव व्यक्तित्व की संवृद्धि के लिए आवश्यक दशाओं को
बनाए रखना है
७. मैन्ग्रोव वनों में प्रतिवर्ष प्रति एकड़ टनों पत्तियाँ झड़ सकती हैं; कवक और
जीवाणु पत्तियों के इस ढेर का अपघटन कर उनका उपभोग कर जाते हैं, उन्हें
नन्हीं कृमियाँ और क्रस्टेशियाई खा जाते हैं, जो तत्पश्चात् छोटी मछलियों का
भोजन बनती हैं, फिर ये भी बड़ी मछलियों, पक्षियों और मगरों का भोजन बन
जाती हैं।
निम्नलिखित में से कौन-सा एक, उपर्युक्त कथन का सर्वाधिक तार्किक अनुमान
है? (ळझ्एण् ण्एAऊ २०१५)
(a) मैन्ग्रोव वनों के बिना तटीय क्षेत्रों में आहार शृंखलाएँ नहीं बन
सकती
(ं) मैन्ग्रोव वन सभी समुद्री पारितन्त्रों (ईकोसिस्टम्स) के अनिवार्य घटक
हैं
(म्) कतिपय समुद्रतटीय खाद्य शृंखलाओं में मैन्ग्रोव वनों की निर्णायक
भूमिका होती है
(्) समुद्री वनस्पतिजात और प्राणिजात का संघटन मुख्यत: मैन्ग्रोव वनों
द्वारा निर्धारित होता है
८. निम्नलिखित जानकारी को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर
दीजिए। (घ्ँझ्ए ण्त्ीव् २०१२)
अपने कारोबार को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने के लिए छोटे ब्राण्ड
स्थानीय किराना स्टोरों से हटकर बिग बाजार जैसे सुपर बाजारों के साथ
गठजोड़ कर रहे हैं।
दी गई जानकारी से निम्नलिखित में से किसका अनुमान लगाया जा सकता है?
(अनुमान वह होता है जिसे प्रत्यक्षत: कहा नहीं गया हो पर जिसका दिए गए
तथ्यों से स्पष्टीकरण हो सकता हो)
(a) निकट भविष्य में स्थानीय किराना स्टोरों में छोटे ब्राण्ड का माल
उपलब्ध नहीं होगा
(ं) सुपर बाजार सेटअप में छोटे ब्राण्ड, बड़े ब्राण्ड के साथ प्रतियोगिता
नहीं कर सकते
(म्) छोटे ब्राण्डों में यह समझ है कि सुपर बाजार में छोटे किराना
स्टोरों से अधिक बिक्री होती है
(्) छोटे ब्राण्डों की तुलना में सुपर बाजार बड़े ब्राण्डों के उत्पाद
बेचकर अधिक आय निर्मित करता है
(ा) छोटे किराना स्टोरों की तुलना में छोटे ब्राण्डों का हर समय सुपर
बाजार के साथ अधिक गठजोड़ रहा है
९. राज्य के दूरदराज के एक ग्रामीण हिस्से में हाल में ग्रामवासियों ने कुछ यात्रियों
की बुरी तरह से पिटाई कर दी, क्योंकि ग्रामीणों को यात्रियों की गतिविधियाँ
सन्देहास्पद लगीं। दोषियों को पकड़ने के लिए जिला अधिकारी ने पुलिस टीम
भेजी है। (घ्ँझ्ए ण्त्ीव् २०११)
उपरोक्त कथन से निम्नलिखित में से क्या अनुमान लगाया जा सकता है?
(अनुमान वह होता है, जो सीधे-सीधे नहीं कहा जाता है, लेकिन दिए गए तथ्यों
से उसका स्पष्टीकरण हो सकता है।)
(a) ग्रामीणों को अपने इलाके में अजनबियों की उपस्थिति पसन्द नहीं है
(ं) ग्रामीण किसी विशेष पर शक्की स्वभाव के होते हैं
(म्) यात्री ग्रामीण इलाकों में जाना पसन्द करते हैं
(्) सरकार सामान्यत: सारे देश में यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करती है
(ा) उपरोक्त में से कोई नहीं
१०. निम्नलिखित जानकारी को ध्यान से पढ़िए और उसके बाद दिए गए प्रश्न का
उत्तर दीजिए। (ँध्ँ झ्ध् २०११)
शिक्षक प्रशिक्षण/डिग्री कार्यक्रम के लिए आवेदकों की कमी के पीछे एक मुख्य
कारण यह है कि शिक्षकों ने कार्य-स्थितियों में किसी सुधार का अनुभव नहीं
किया है और उनके वेतन की गति दूसरे देशों के वेतन के साथ नहीं मिल पाई
है। दिए गए परिच्छेद से निम्नलिखित में से क्या अनुमान लगाया जा सकता
है?
(a) शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए आवेदकों की गिरती संख्या के
पीछे बहुत कठिन प्रवेश परीक्षा भी एक कारण है
(ं) आने वाले वर्षों में, योग्यता प्राप्त शिक्षकों की उपलब्धता की दृष्टि
से स्कूल इनकी कमी का सामना करेंगे
(म्) दूसरे देशों के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी उतने ही अच्छे हैं, जितने अच्छे
शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम हैं
(्) यदि दूसरे देशों में वेतन कम कर दिए जाएँ तो शिक्षक प्रशिक्षण
कार्यक्रमों के लिए आवेदकों की संख्या बढ़ जाएगी
(ा) योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों में किसी खास पेशे की कार्य-स्थितियों
और प्राथमिकता के बीच सीधा सम्बन्ध स्थापित नहीं किया जा
सकता
११. निम्नलिखित जानकारी ध्यान से पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(Aत्त्aप्aंa् ँaहव् झ्ध् २०११)
संयोग से अधिक-से-अधिक देश आजकल औद्योगिक विकास से हटकर
जलवायु परिवर्तन के नियन्त्रण पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।
घ्. औद्योगिक विकास से जलवायु परिवर्तन की ओर ध्यान केन्द्रित केवल वे
देश करते हैं, जो अमीर हैं और जो औद्योगिक विकास से अतिरिक्त
क्षेत्रों पर भी ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं।
घ्घ्. बहुत से देशों ने औद्योगिक विकास को पहले प्राथमिकता दी थी, जो
दीर्घावधि में पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित हुई है।
घ्घ्घ्. कुछ विशेषज्ञों की राय है कि जलवायु परिवर्तन इतना गम्भीर मसला
नहीं है जितना उसे बताया जाता है, क्योंकि यह एक नैसर्गिक घटना है,
जो पृथ्वी के इतिहास में आरम्भ से अन्त तक नियमित रूप से घटती आ
रही है।
घ्न्न्. यदि जलवायु परिवर्तन वर्तमान दर से होता रहे तो शीघ्र ही यह मानव
जीवन को बड़े पैमाने पर नष्ट कर सकता है।
न्न्. औद्योगिक विकास ग्लोबल वाा\मग के सबसे बड़े कारणों में से एक है,
किन्तु यह एकमात्र कारण नहीं है।
दी गई जानकारी के सन्दर्भ में कथन (न्) को सत्य माना जाए तो इस
कथन से निम्नलिखित में से क्या अनुमान लगाया जा सकता है?
(a) राष्ट्रों को औद्योगिक विकास से निर्मित दााोतों के अतिरिक्त अन्य
दााोतों की ओर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए
(ं) औद्योगिक विकास से होने वाले प्रदूषण के अन्य दााोतों से होने वाले
प्रदूषण का प्रतिकूल प्रभाव अधिक है
(म्) पुराने समय से विपरीत, आज-कल औद्योगिक विकास ग्लोबल वाा\मग
का कारण नहीं रहा है
(्) औद्योगिक विकास रुक जाने पर ग्लोबल वाा\मग स्वत: समाप्त हो
जाएगी
(ा) औद्योगिक विकास के सिवाय अन्य स्रोतों का अभिनिर्धारण कर उन्हें
नियन्त्रित किया जाए तो ग्लोबल वाा\मग पूर्णत: समाप्त हो जाएगी
१२. निम्नलिखित जानकारी को ध्यान से पढ़िए और उसके बाद दिए गए प्रश्न का
उत्तर दीजिए। (ँध्ँ झ्ध् २०११)
आइए, अपनी वास्तविक दुनिया में गहराई से प्रवेश करें। खाद्य मुद्रा स्फीति
अपने बच्चों को गणित सिखाने का एक मजेदार तरीका है। अपने बच्चे को एक
ग्राफ बनाने के लिए कहिए कि मान लीजिए भारत में वर्ष १९५० और आज में
(इंजीनियर, डॉक्टर, नौकरानी, ड्राइवर) की आमदनी कितनी बढ़ी है। उन्हें
इसी अवधि में कीमतों में हुई वृद्धि का ग्राफ बनाने के लिए भी कहिए। यह एक
मजेदार अभ्यास होगा।
जब तक वे अपना अभ्यास खत्म करेंगे, आपके बच्चे न केवल बहुत कुछ सीखेंगे,
बल्कि आपको भी यह पता चलेगा कि इस दौरान आपकी आमदनी ३०० गुना
बढ़ गई है, लेकिन नौकरानी की आय शायद ५० गुना ही बढ़ गई है और कीमतें
१०० गुना बढ़ गई हैं। नौकरानी अभी भी सप्ताह में सातों दिन काम करती हैं,
उसे न कोई वैतनिक छुट्टी है न ही आकस्मिक छुट्टी और यह जानना कि हम
कितने खुशकिस्मत हैं, गम्भीर परोपकार की ओर पहला कदम है।
उपरोक्त से निम्नलिखित सभी का अनुमान लगाया जा सकता है, सिवाय
एक के
(a) वास्तविक दुनिया की समस्याएँ अन्य विषयों को समझने और
वास्तविक दुनिया की समस्या को सराहने (Aज्ज्rाम्ग्aूा) करने का
अच्छा तरीका है
(ं) विगत वर्षों में खाद्य मुद्रा स्फीति ने विभिन्न प्रोफेशनलों को बहुत
अलग-अलग तरह से प्रभावित किया है
(म्) यद्यपि वेतन में बहुत अधिक भिन्नता है, लेकिन कम-से-कम सभी
नौकरियों/प्रोफेशनों में वृद्धि, लम्बी समयावधि में मुद्रा स्फीति की दर
से कम नहीं हुई है
(्) जब हम यह समझ जाते हैं कि हम खुशकिस्मत हैं, तो हम
परोपकार और उन लोगों की सहायता करने के विषय में सोचने
को प्रवृत्त होते हैं, जो उतने खुशकिस्मत नहीं हैं
(ा) केवल बच्चे ही नहीं, माता-पिता और अन्य वयस्कों को भी असमानता के
विषय में समझने की और खुद को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है
निर्देश (प्र.सं. १३) नीचे दिए गए परिच्छेद को ध्यान से पढ़िए और उसके बाद
दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
तकनीकी प्रगति में निहित मानव-जाति के लिए सबसे बड़ा वरदान, निश्चित
रूप से भौतिक सम्पदा का संचय नहीं है। किसी व्यक्ति के द्वारा जीवन में
इनकी जितनी मात्रा का वास्तविक रूप में उपभोग किया जा सकता है, वह
बहुत अधिक नहीं है। किन्तु फुरसत के समय के उपभोग की सम्भावनाएँ
उसी संकीर्ण सीमा तक सीमित नहीं हैं। जिन्होंने फुरसत के समय के उपहार
के सदुपयोग का कभी अनुभव नहीं किया है, वे लोग इसका दुरुपयोग कर
सकते हैं। फिर भी, समाजों की एक अल्पसंख्या द्वारा फुरसत के समय का
रचनात्मक उपयोग किया जाना ही आदिम स्तर के बाद सभी मानव-प्रगति
का मुख्य प्रेरणास्रोत रहा है।
१३. उपर्युक्त परिच्छेद के सन्दर्भ में निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं।
१. फुरसत के समय को लोग सदैव उपहार के रूप में देखते हैं तथा इसका
उपयोग और अधिक भौतिक सम्पदा अर्जित करने के लिए करते हैं।
२. कुछ लोगों द्वारा फुरसत के समय का, नूतन और मौलिक चीजों के
उत्पादन के लिए, उपयोग किया जाना ही मानव-प्रगति का मुख्य स्रोत
रहा है।
इनमें से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएँ वैध है/हैं? (ळझ्एण् ण्एAऊ २०१७)
(a) केवल १ (ं) केवल २
(म्) १ और २ दोनों (्) न तो १ और न ही २
निर्देश (प्र.सं. १४) नीचे दिए गए परिच्छेद को ध्यान से पढ़िए और उसके बाद
दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
इस अभिकथन में किंचित से कहीं अधिक सच्चाई है कि ‘‘सामयिक
घटनाओं की बुद्धिमत्तापूर्ण व्याख्या के लिए प्राचीन इतिहास का
कार्यसाधक ज्ञान होना आवश्यक है।’’ किन्तु जिस बुद्धिमान ने समझदारी
के ये शब्द कहे थे, उसने विशेष रूप से इतिहास की प्रसिद्ध लड़ाइयों के
अध्ययन से होने वाले फायदों पर अवश्य ही कुछ-न-कुछ कहा होगा,
क्योंकि इनमें हममें से उनके लिए सबक शामिल है, जो नेतृत्व करते हैं
या नेता बनने की अभिलाषा रखते हैं। इस तरह के अध्ययन से कुछ ऐसे
गुण और विशेषताएँ उद्घाटित होंगी, जिनसे विजेताओं के लिए जीत
परिचालित हुई और वे कतिपय कमियाँ भी, जिनके कारण हारने वालों
की हार हुई और विद्यार्थी यह देखेगा कि यही प्रतिरूप सदियों से
लगातार, बार-बार पुनर्घटित होता है।
१४. उपर्युक्त परिच्छेद के सन्दर्भ में निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं
१. इतिहास की प्रसिद्ध लड़ाइयों का अध्ययन हमें आधुनिक युद्धस्थिति को
समझने में सहायता करेगा।
२. जो भी नेतृत्व की इच्छा रखता है, उसके लिए इतिहास का अध्ययन
अनिवार्य है।
इनमें से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएँ वैध है/हैं?
(a) केवल १
(ं) केवल २
(म्) १ और २ दोनों
(्) न तो १ और न ही २
निर्देश (प्र.सं. १५) नीचे दिए गए परिच्छेद को ध्यान से पढ़िए और उसके बाद
दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
वास्तव में, मेरा मानना है कि इंग्लैण्ड में निर्धनतम व्यक्ति को भी एक वैसा
ही जीवन जीना है जैसा कि महानतम व्यक्ति को और इसलिए सच में, मैं
मानता हूँ कि यह स्पष्ट है कि हर उस व्यक्ति को, जिसे सरकार के अधीन
रहना है, सबसे पहले अपनी सहमति से स्वयं को सरकार के अधीन कर
देना चाहिए और मेरा यह अवश्य मानना है कि इंग्लैण्ड का निर्धनतम
व्यक्ति, सही अर्थ में ऐसी सरकार से कतईं बंधा हुआ नहीं है, जिसके अधीन
स्वयं को करने में उसकी कोई राय नहीं रही हो।
१५. उपर्युक्त कथन किसके समर्थन में तर्क प्रस्तुत करता है?
(ळझ्एण् ण्एAऊ २०१७)
(a) सम्पत्ति का सबको समान वितरण
(ं) शासितों की सहमति के अनुसार शासन
(म्) निर्धनों के हाथ में शासन
(्) धनिकों का स्वत्वहरण (एक्सप्रोप्रिएशन)
निर्देश (प्र. सं. १-३०) नीचे कुछ परिच्छेद दिए गए हैं और उसके नीचे उस
परिच्छेद में दिए गए तथ्यों के आधार पर निकाले जा सकने वाले कुछ सम्भावित
अनुमान दिए गए हैं। आप प्रत्येक अनुमान की परिच्छेद के सन्दर्भ में अलग-अलग
परीक्षा कर उसकी सत्यता या असत्यता की मात्रा निश्चित कीजिए।
उत्तर दीजिए
(a) यदि अनुमान निश्चित रूप से सत्य है अर्थात् वह दिए गए तथ्यों
का उचित रूप से अनुसरण करता है
(ं) यदि अनुमान सम्भवत: सत्य है अर्थात् दिए गए तथ्यों के सन्दर्भ में
निश्चित रूप से सत्य नहीं है
(म्) यदि दिए हुए तथ्य पर्याप्त नहीं हैं अर्थात् दिए हुए तथ्यों से
अनुमान सत्य है अथवा असत्य, यह आप नहीं कह सकते हैं
(्) यदि अनुमान सम्भवत: असत्य है अर्थात् दिए गए तथ्यों के सन्दर्भ
में निश्चित रूप से असत्य नहीं है
(ा) यदि अनुमान निश्चित रूप से असत्य है अर्थात् दिए हुए तथ्यों का
सम्भवत: अनुसरण नहीं करता है अथवा वह दिए गए तथ्यों के
विपरीत जाता है
परिच्छेद १
इस समय अमेरिका के पोष्य देखभाल व्यवस्था से क्लांत लगभग ४४००००
बच्चों में से २०००० गोद लेने हेतु उपलब्ध हैं। उनमें से अधिकतम ६ से १२
वर्ष की आयु के बीच के बच्चे हैं। गोद लेने योग्य बच्चों में से ४४ज्ञ् श्वेत हैं
और ४३ज्ञ् श्याम हैं, लेकिन गोद लेने के लिए प्रतीक्षारत परिवारों में से ६७ज्ञ्
श्वेत हैं और उनमें से अधिकतर किसी श्याम बच्चे को गोद लेने के इच्छुक
हैं, लेकिन इसमें कुछ बाधाएँ आ रही हैं, जोकि केवल तीन अमेरिकी राज्य
आर्कन्सस, वैâलीफोर्निया तथा मिन्नेसोटा में गोद लेने में प्रजाति का मिलान
करने को प्रोत्साहित करने का कानून है, अन्य ४० प्रचलन का पक्ष लेते हैं।
(ण्aहara ँaहव् झ्ध् २००७)
१. गोद लेने योग्य बच्चों में लगभग १०ज्ञ् न तो श्याम रंग हैं न ही श्वेत।
२. दो-तिहाई श्वेत परिवार किसी श्याम बच्चे को गोद लेने हेतु प्रतीक्षा कर रहे हैं।
३. १२ वर्ष से ज्यादा आयु के बच्चे गोद लेने हेतु कम उपयुक्त होते हैं।
४. अधिकतर अमेरिकी राज्यों में गोद लेने के प्रचलन को निरुत्साहित करने वाले
कानून हैं।
५. अधिकतर श्याम परिवारों द्वारा गोद लेने के लिए श्वेत बच्चों को वरीयता दी
जा रही है।
परिच्छेद २
कोयला और बिजली भारत के ऊर्जा क्षेत्र के प्रधान आधार हैं। कोयला देश
की ऊर्जा आपूर्ति की रीढ़ है और ऊर्जा की माँग को पूरा करने में इसकी
महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहने की सम्भावना है। यह देश की ५०ज्ञ् से
अधिक व्यापारिक ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करता है। अन्य जीवाश्म
ईंधनों की तुलना में कोयले के अपेक्षाकृत विशाल भण्डार के सूचित आँकड़ों
के बावजूद, देश समय-समय पर कमी का सामना करता रहा है। विभिन्न
अध्ययन समूहों द्वारा कोयले के पूर्वानुमान, घरेलू कोयले की माँग और
आपूर्ति में बढ़ता हुआ अन्तर दिखाते हैं, जिसका परिणाम होगा अधिक
आयात। इसके अतिरिक्त, देश के भण्डारों को प्राय: बढ़ाकर बताया जाता
है, क्योंकि मूल्यांकन प्रक्रिया में कोयला खनन और खोज की गुणवत्ता,
तकनीकी सम्भाव्यता और आर्थिक व्यवहार्यता पर विचार नहीं किया जाता है।
६. विकसित देशों की कोयला खानें भारत की कोयला खानों से ज्यादा लाभ
कमाती हैं।
७. भारत की कोयला खानें और खनन गतिविधियाँ वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य हैं।
८. ऊर्जा निर्माण के लिए कोयले पर भारत की निर्भरता आने वाले समय में भी
नहीं रहेगी।
९. भारत में कोयला भण्डार आवश्यकता से बहुत अधिक हैं।
१०. कोयला भण्डारों की मूल्यांकन प्रक्रिया कोयला भण्डारों की ठीक से पहचान
करने में समर्थ नहीं है।
परिच्छेद ३
६ करोड़ झुग्गी-झोपड़ी निवासियों को आवास प्रदान करने और झुग्गी-
झोपड़ी मुक्त भारत की कल्पना को साकार करने के अपने सर्वाधिक
महत्त्वपूर्ण प्रयास में सरकार ४०० नगरों और शहरों में पाँच वर्ष में ५० लाख
रिहायशी यूनिटों के निर्माण की एक विशाल योजना बना रही है। इस
कार्यक्रम से देश भर में हजारों एकड़ मूल्यवान सरकारी जमीन मुक्त हो
सकती है और स्थावर सम्पदा के विकासकर्ताओं के लिए करोड़ों के मूल्य के
कारोबार का निर्माण हो सकता है। झुग्गी-झोपड़ियों के पैâलने से वर्षों तक
उDझ् की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। निम्न उत्पादकता और खराब
स्वास्थ्य स्थितियों की चपेट में आना झुग्गी-झोपड़ी निवासियों के विशेष
लक्षण हैं। सरकार का मानना है बेहतर आवास सुविधाओं से सामाजिक
मसलों का समाधान होगा, इसका गुणवर्द्धक प्रभाव पड़ेगा और आर्थिक
प्रोत्साहन मिलेगा। (Aत्त्aप्aंa् ँaहव् झ्ध् २००९)
११. भारतीय शहरों व नगरों में झुग्गी-झोपड़ियों में स्वास्थ्य व स्वच्छता की स्थिति
मानवीय निवास के स्वीकार्य मानकों से बहुत ही निकृष्ट है।
१२. विकसित देशों के नगर व शहर झुग्गी-झोपड़ी मुक्त हैं।
१३. बेहतर आवास सुविधाओं सहित रहने वालों की तुलना में झुग्गी-झोपड़ी
निवासियों की प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है।
१४. भारत के नगरों और शहरों में अधिकांश झुग्गी-झोपड़ियाँ प्रमुख निजी
सम्पत्तियों पर हैं।
१५. भारत के शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों वाली जमीन के विकास से सामान्य जनता
पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
परिच्छेद ४
यद्यपि अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आ गई है और उपभोक्ता का विश्वास
ऊँचा है, तथापि सिस्टम में क्रेडिट कार्ड कम होते जा रहे हैं। (पिछले एक
वर्ष में इस्तेमाल में आ रहे क्रेडिट कार्डों की कुल संख्या में लगभग ५० लाख
की व्ाâमी आई है।) नवीनतम जारी आँकड़ों के अनुसार, क्रेडिट कार्डों की
संख्या फरवरी, २०१० के अन्त में एक वर्ष पहले के लगभग २.५ करोड़ से
कम होकर लगभग २ करोड़ हो गई है। आँकड़ों से यह संकेत भी मिलता है
कि मूल्य और मात्रा दोनों दृष्टियों से कार्ड से किए गए औसत मासिक खर्च
अभी तक संकट-पूर्व के स्तर तक नहीं पहुँचे हैं। औसत मासिक खर्च वित्त
वर्ष ’०९ के ` ५४०० करोड़ की तुलना में वित वर्ष ’१० में कम होकर ` ५१००
करोड़ हो गया है, जबकि औसत मासिक मात्रा वित वर्ष’ ०९ को ` २.१६
करोड़ प्रतिमाह की तुलना में चालू वर्ष में सिर्फ ` १.९४ करोड़ प्रतिमाह ही
रही है। यहाँ तक कि कार्ड के जरिए पीक फेस्टिवल खर्च भी पिछले वर्ष के
स्तर की तुलना में इस वर्ष कम रहा है। (Aह्प्ra ँaहव् झ्ध् २०१०)
१६. चालू वर्ष में क्रेडिट कार्ड के प्रयोग में वित्त वर्ष’ ०९ से काफी कमी आई है।
१७. क्रेडिट कार्डों से सम्बन्धित अत्यधिक धोखाधड़ियों के कारण लोग चालू वर्ष में
क्रेडिट कार्डों का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।
१८. पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में क्रेडिट कार्ड के प्रयोग में लगभग ४०ज्ञ् की
कमी आई है।
१९. नवीनतम जारी आँकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में फरवरी २०१० के
अन्त में क्रेडिट कार्ड लेन-देनों की संख्या में लगभग २००ज्ञ् की कमी आई है।
२०. भारत में क्रेडिट कार्डों के प्रयोग में कमी दूसरे कई देशों की तुलना में कम है।
परिच्छेद ५
देश यदि अच्छा विदेशी निवेश आकर्षित करना चाहता है, तो विदेशी
निवेशकों के पथ में विनियमनों द्वारा लादी गई बाधाएँ दूर की जानी चाहिए।
विशेषत: तब, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय स्थिति से बहुत
प्रभावित प्रतीत नहीं होते हैं। विदेशी मुद्रा आरक्षितियाँ वर्ष १९९० के
आरम्भिक महीनों के स्तर तक गिरने के जोखिम का सामना नहीं कर रही
हैं। फिर भी, देश को केवल संविभाग अन्तर्वाह या हॉट मनी के अतिरिक्त
अधिक दीर्घावधि निवेश आकर्षित करने के लिए वातावरण का निर्माण करना
चाहिए। वर्ष १९९८ में जारी विनियमन के डाइल्यूटेड वर्जन की यह
आवश्यकता कि वर्ष २००५ से पहले भारत में स्थापित व्न्न्े वाले विदेशी
भागीदारों को दूसरा समान उद्यम स्थापित करने के लिए देसी भागीदार से
अनुमति प्राप्त करनी चाहिए, के दुरुपयोग की सम्भावना है और आगे,
विद्यमान कारोबार क्षेत्र में नए उद्यम की स्थापना से पहले, विदेशी भागीदार
को सरकार से भी पूर्वानुमति प्राप्त करनी चाहिए। (अहa ँaहव् झ्ध् २००९)
२१. वर्तमान परिदृश्य में विदेशी निवेशक भारत में दीर्घावधि परियोजनाओं में निवेश
करने के लिए उत्सुक हैं।
२२. एशियाई महाद्वीप के बहुत-से देशों में विदेशी निवेशकों के लिए अनुकूल
दिशा-निर्देश हैं।
२३. वर्ष १९९० के आरम्भ में भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षितियाँ वर्तमान स्तर से
बहुत कम थीं।
२४. प्रमुख क्षेत्रों में विदेशी निवेश को अनुमति देने के लिए भारत को अपने मानदण्ड
कड़े करने चाहिए।
२५. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मुख्यत: अल्पावधि है।
परिच्छेद ६
मैंने पहली बार ‘द विजार्ड ऑफ ओज’ देखी तो कहानी ने मुझे सम्मोहित
किया। मैंने दूसरी बार ‘द विजार्ड ऑफ ओज’ देखी तो स्पेशल इफेक्ट्स ने
मुझे विस्मित किया। मैंने तीसरी बार ‘द विजार्ड ऑफ ओज’ देखी तो
फोटोग्रोफी ने मुझे चकित कर दिया। क्या आपने कोई फिल्म दो या तीन बार
देखी है? आपका ध्यान सब टाइटल्स की तरफ जाता है और आप ध्वनियाँ
सुनते हैं, जो पहली बार पूरी तरह छूट गई थीं।
फोन पर भी ऐसा ही होता है, क्योंकि आपकी कारोबारी बातचीत फिल्मों से
ज्यादा परिणामदायक होती हैं, इसलिए उसे आपको दो, हो सके तो तीन
बार सुनना चाहिए। प्राय: जब तक हम फोन पर हुई अपनी बातचीत को
दोबारा सुन नहीं लेते, हमें साफ-साफ पता नहीं चल पाता है कि फोन पर
वास्तव में क्या हुआ है? आपको टोटो के कॉलर के रंग से शेिंडग ज्यादा
महत्त्वपूर्ण लगेगी और जितनी आपने कल्पना की होगी, उससे अधिक
स्केयरक्रो दिखेंगे ‘जिनके दिमाग नहीं है’।
आप अपनी महत्त्वपूर्ण कारोबारी बातचीत को दोबारा वैâसे सुनते हैं?
सीधे-सीधे कानूनी और नैतिक रूप से उसे टेप रिकॉर्ड करें। मैं आपकी
कारोबारी बातचीत को उसकी बारीकियों के लिए रिकॉर्ड और विश्लेषण
करने की तकनीक को इन्स्टेन्ट रीप्ले कहता हूँ। (ळँघ् झ्ध् २०१०)
२६. फिल्म ‘द विजार्ड ऑफ ओज’ कारोबारी बातचीत को बेहतर बनाने में सहायता
करेगी।
२७. अधिकतर लोग अगर किसी फिल्म को एक से अधिक बार देखेंगे, तो स्पेशल
इफेक्ट, फोटोग्राफी, कहानी, संगीत आदि जैसे विभिन्न पहलू, उन्हें अलग क्रम
में बेहतर ढंग से प्रभावित करेंगे।
२८. यह सलाह कारोबारी बातचीत को समझने के लिए दी गई है।
२९. यह सलाह सेल्स टीम को दी जा रही है।
३०. लेखक अधिकांश फिल्मों को दो से अधिक बार देखता है।
निर्देश (प्र. सं. ३१-३३) नीचे दिए गए तीनों परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेदों
के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के आपके उत्तर केवल
इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए। (ळझ्एण् ण्एAऊ २०१८)
परिच्छेद ७
सस्ते और प्रचुर माँस की तलाश के परिणामस्वरूप पैâक्ट्री फार्म बनाए गए हैं
जहाँ अधिक से अधिक पशुओं को क्रूर और शोचनीय दशाओं में छोटी-छोटी
ढेरियों में ठूँसा जाता है। इस प्रकार के प्रचलनों के परिणामस्वरूप विश्व की
अनेक स्वस्थ्य सम्बन्धी देशान्तरगामी महामारियाँ उठ खड़ी हुई हैं। जैसे कि
एवियन फ्लू । विश्वभर में पशुधन का पालन लगातार बढ़ती हुई क्रूर और
तंग दशाओं में किया जा रहा है, जहाँ पशु अपना लघु जीवन कृत्रिम प्रकाश,
प्रतिजैविकों और वृद्धि हॉर्मोनों के ठसाठस इस्तेमाल के बीच वध होने के दिन
तक व्यतीत करते हैं। माँस उत्पादन जल की अत्यधिक खपत माँगता है।
माँस के प्रत्येक किलोग्राम के लिए १५००० ली जल की आवश्यकता होती है
जबकि १ किग्रा धान के लिए ३४०० ली, १ किग्रा अण्डों के लिए ३३०० ली
और १ किग्रा आलू के लिए २५५ ली जल की आवश्यकता होती है।
३१. इस परिच्छेद द्वारा दिया गया सर्वाधिक तर्कसंगत और निर्णायक सन्देश
कौन-सा है?
(a) औद्योगिक पशुपालन (इण्डिस्ट्रियल फार्मिंग) से बड़े पैमाने पर माँस
का उत्पादन करना सस्ता होता है और यह गरीब देशों को प्रोटीन
पोषण प्रदान करने के लिए उपयुक्त है।
(ं) माँस उत्पादन उद्योग पशुओं के प्रति क्रूरता के विरुद्ध कानूनों का
उल्लंघन करता है।
(म्) औद्योगिक पशुपालन के द्वारा बड़े पैम्ााने पर माँस उत्पादन
अवांछनीय है और इसको तुरन्त रोक देना चाहिए।
(्) माँस उत्पादन की पर्यावरणीय लागत अधारणीय होती है जब इसका
उत्पादन औद्योगिक पशुपालन से किया जाता है।
परिच्छेद ८
एक नर बाघ को पेच बाघ अभ्यारण्य (टाइगर रि़जर्व) से हटाकर पन्ना
राष्ट्रीय पार्क में ले जाकर रखा गया। बाद में, इस बाघ ने अपने घर की
ओर २५० मील लम्बी दूरी तय की। इस अकेले बाघ की यह यात्रा एक
संकट पर प्रकाश डालती है। कई वन्यजीव अभ्यारण्य मानवता के विशाल
सागर के बीच भंगुर आवास के द्वीपों के रूप में विद्यमान हैं। फिर भी कोई
बाघ शिकार, जोड़े और अपने क्षेत्र की तलाश में सौ मील के परास में घूम
सकता है। भारत के लगभग एक-तिहाई बाघ, बाघ अभ्यारण्यों के बाहर
रहते हैं। यह स्थिति मानव और पशु दोनों के लिए ही संकटपूर्ण है। बाघ
और उसके शिकार तभी अलग रह सकते हैं। यदि अभ्यारण्यों के बीच भूमि
के मान्य गलियारे हों, ताकि वे बिना छेड़छाड़ के आ-जा सकें।
३२. इस परिच्छेद द्वारा दिया गया सर्वाधिक तर्कसंगत और निर्णायक सन्देश
निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(a) मनुष्य और वन्यजीव के बीच संघर्ष को सुलझाया नहीं जा सकता
चाहे हम जो भी प्रयत्न करें
(ं) संरक्षित क्षेत्रों के बीच सुरक्षित वन्य जीव गलियारे, संरक्षण के
प्रयत्नों का आवश्यक पहलू है
(म्) भारत के लिए आवश्यक है कि वह और अधिक संरक्षित क्षेत्रों की
घोषणा करे तथा और अधिक बाघ अभ्यारण्यों की स्थापना करें
(्) भारत के राष्ट्रीय पार्कों और बाघ अभ्यारण्यों का व्यावसायिक
(प्रोफेशनल) प्रबन्ध होना चाहिए
परिच्छेद ९
आज शीर्ष पर्यावरणीय चुनौती जन तथा इनकी आकांक्षाओं का सम्मुचय है।
यदि आकांक्षाएँ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की किफायती प्रकार की हों, तब
बहुत अधिक सम्भावनाएँ बनती हैं, उस दृष्टिकोण की तुलना में जो पृथ्वी को
एक विशालकाय शॉपिंग मॉल की भाँति देखता है। हमें चमक-दमक के
आकर्षण के परे जाना चाहिए तथा यह समझना चाहिए कि पृथ्वी एक जैविक
तन्त्र की भाँति कार्य करती है।
३३. उपरोक्त में परिच्छेद से, निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक निर्णायक और
तार्किक निष्कर्ष (इन्फेरेन्स) निकाला जा सकता है?
(a) पृथ्वी मानव की खाद्य, वस्त्र तथा आश्रय की केवल आधारभूत
आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती है
(ं) पर्यावरणीय चुनौती का सामना करने का एकमेव मार्ग जनसंख्या को
सीमित करना है
(म्) हमारे लिए उपभोक्तावाद को कम करना अपने ही हित में है
(्) केवल जैविक तन्त्रों का ज्ञान ही हमें पृथ्वी को बचाने में सहायक है
निर्देश (प्र. सं. ३४) निम्न जानकारी को ध्यान से पढ़िए और दिए गए प्रश्न के
उत्तर दीजिए।
ऑनलाइन शॉिंपग में सुविधा—मुझे इसकी सबसे अच्छी बात लगती है कि ऐसी कौन-सी
जगह है, जहाँ आप आधी रात को नाइट सूट पहनकर खरीदारी कर सकते हैं? आपको
न तो कतार में इन्तजार करना होता है और न ही खरीदारी में आपकी सहायता करने
के लिए शॉप एसिस्टेण्ट के तैयार होने तक उसका इन्तजार। रिटेल स्टोर में जाने की
तुलना में एक बहुत बेहतर अनुभव है। —एक उपभोक्ता का मत
(एँघ् झ्ध् २०१३)
३४. दी गई जानकारी से निम्न में से क्या अनुमान लगाया जा सकता है? (अनुमान
वह होता है, जिसे प्रत्यक्षत: कहा नहीं गया हो, लेकिन जिसका दिए गए तथ्यों
से स्पष्टीकरण हो सकता हो)
(a) ऑनलाइन शॉिंपग केवल रात को की जा सकती है
(ं) जिन्हें कम्प्यूटर प्रयोग करने में सुविधा नहीं होती, वे ऑनलाइन
शॉिंपग के अनुभव का आनन्द कभी नहीं उठा सकते
(म्) सभी रिटेल स्टोर प्रत्येक ग्राहक को शॉिंपग एसिस्टेण्ट उपलब्ध
कराते हैं
(्) जिस उपभोक्ता का मत प्रस्तुत किया गया है, उसने रिटेल स्टोर
और ऑनलाइन दोनों जगह खरीदारी की है
(ा) जिस उपभोक्ता का मत प्रस्तुत किया गया है, उसके पड़ोस में कोई
रिटेल स्टोर नहीं है
३५. ग्राहक रिटेल आउटलेटों, जहाँ वस्तुएँ किसी भी इकाई में खरीदी जा सकती हैं,
के अतिरिक्त सुपर मार्वेâट से थोक के भाव में खरीदना चाहता है, क्योंकि थोक
के भाव से वस्तुओं की खरीद में ग्राहक को बचत दिखाई देती है। अत:
उपभोक्ता को अपने बजट के अनुसार सुपर मार्वेâट से थोक में वस्तुओं का
खरीदना एक व्यावहारिक विकल्प होता है।
अत: उपरोक्त दिए गए कथन के आधार पर निम्न में से कौन-सा पूर्वानुमान
निकाला जा सकता है? (घ्ँझ्ए झ्ध् २०१३)
(a) सुपर मार्वेâट के पास अधिक खरीदने की शक्ति होती है, जिससे
उनका इकाई खर्च कम हो जाता है और वे रिटेल आउटलेटों की
अपेक्षा अधिक किस्म के उत्पाद पेश करते हैं
(ं) सुपर मार्वेâट ज्यादा सुविधाजनक स्थान पर होने के साथ-साथ उनमें
पाा\कग की भी अच्छी व्यवस्था होती है
(म्) सुपर मार्वेâट के आने का कारण छोटे रिटेल स्टोरों का बन्द होना
है, जिससे कि प्रतिस्पर्द्धा में कमी आई
(्) एकल वस्तुओं को खरीदना अधिक फायदेमन्द होता है, क्योंकि थोक
पैकेज कभी-कभी बचत का ऑफर देते हैं
(ा) एक ग्राहक थोक पैकेज की खरीद से वित्तीय बचत की अपेक्षा
अपनी आवश्यकता के अनुसार वस्तुएँ खरीदता है, जो उसकी
आवश्यकताओं को पूरा करती हो
३६. अखबारों के सम्पादकों द्वारा सत्य खबरों को छापने के बजाय जानबूझकर झूठी
बातों एवं विवादों को हवा देकर अखबार के पन्नों में परोसा जाता है, जिससे
कि वे अपने अखबार की बिक्री का क्षेत्र बढ़ा सकें।
निम्न में से कौन-सा पूर्वानुमान उपरोक्त तथ्य में अन्तर्निहित हो सकता है?
(घ्ँझ्ए झ्ध् २०१३)
(a) अखबारों द्वारा झूठी खबरों को छापना एक आदत सी हो गई है
(ं) अखबारों में छपी सभी खबरों को सत्यता से प्रमाणित होना चाहिए
(म्) बड़े अखबार सम्पादकों की तुलना में छोटे अखबार सम्पादकों को
अपनी सत्य खबरों पर अधिक स्पष्ट होना चहिए
(्) अखबारों के सम्पादक अपने-अपने अखबार के सर्वे-सर्वा होते हैं तथा
वही निर्णय करते हैं कि उन्हें अखबार में क्या छापना है
(ा) उपरोक्त में से कोई नहा
३७. नीचे दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए
राज्य सरकार सभी कर्मचारियों के वेतन पर मासिक कर लगाती है। कर की राशि
वेतन स्तर के अनुसार बदलती है। केन्द्र सरकार भी समान वेतन पर कर लगाती
है, जिसे आयकर कहते हैं। यह कराधान के सिद्धान्त के विरुद्ध है।
दी गई जानकारी से निम्न में से कौन-सा निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
(एँघ् झ्ध् २०१४)
(a) कर व्यक्तिगत रूप से एक बार ही लगाया जाना चाहिए
(ं) कर की राशि वेतन स्तर के अनुसार नहीं बदलनी चाहिए
(म्) केन्द्र सरकार को वेतन पर कोई कर एकत्र नहीं करना चाहिए
(्) केन्द्र सरकार द्वारा वेतन स्तर के निरपेक्ष नियमित संग्रह आयकर है
(ा) कर अदा करना या न करना व्यक्तिगत रूप से निर्भर करता है
३८. आपदा प्रबन्धन प्रणाली जलवायु परिवर्तन से भारत की विरासत की रक्षा कर
सकती है। भारत २०१५ आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाइ प्रâेमवर्क पर
हस्ताक्षरकर्ता है, जो यह मानता है कि आपदा जोखिम, आतंकवाद सम्बन्धी
मुद्दों को कम करने और प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में विरासत को पहचाननें में
राज्य की प्राथमिक भूमिका है।
निम्नलिखित में से कौन दिए गए कथन को नकारता है?
घ्. प्राधिकरण की रिपोर्ट में सिस्टम पर संग्रहालयों के लिए विस्तृत दिशा
निर्देश भी हैं जिन्हें विभिन्न प्रकार के खतरों से निपटने के लिए
स्थानबद्ध करने की आवश्यकता है।
घ्घ्. राष्ट्रीय आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा खतरों के लिए
इसके अपने तरह के पहले विश्लेषण से पता चलता है कि भारत
के संग्रहालयों के आतंकवादी घटनाओं, जलवायु सम्बन्धी घटनाओं
जैसे कि बाढ़, भूकम्प और सुनामी; और बर्बरता का सामना किया है।
घ्घ्घ्. जलवायु से सम्बन्धित मुद्दों जैसे कि बाढ़, भूकम्प भारतीय विरासत के
लिए चिंता का विषय नहीं है। (एँघ् झ्ध् २०१८)
(a) केवल घ्घ्घ् (ं) केवल घ्घ्
(म्) केवल घ् (्) दोनों घ्घ् और घ्घ्घ्
(ा) इनमें से कोई नहीं