अलंकार

181. जहाँ किसी वस्तु का लोक-सीमा से इतना बढ़ कर वर्णन यिका जाये कि वह असम्भव की सीमा तक पहुँच जाय, वहाँ अलंकार होता है-
(अ) अतिश्योक्ति
(ब) विरोधाभास
(स) अत्युक्ति
(द) उत्प्रेक्षा

View Solution

182. ‘वह शर इधर गाण्डीव गुण से भिन्न जैसे ही हुआ । घड़ से जयद्रथ का उधर सिर छिन्न वैसे ही हुआ ॥’ उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सी अतिशयोक्ति है-
(अ) असम्बन्धातिश्योक्ति
(ब) सम्बन्धातिशयोक्ति
(स) अक्रमातिशयोक्ति
(द) अत्यन्ताशियोक्ति
View Solution

183. किसी युक्ति से समर्थित की गयी बात में कौन-सा अलंकार होता है-
(अ) व्यतिरेक
(ब) प्रतिवस्तूपमा
(स) दृष्टान्त
(द) काव्यलिंग
View Solution

184. ‘उतरि नहाये जमुन जल जो सरीर सम स्याम पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उपमा
(ब) प्रतीप
(स) विशेषोक्ति
(द) विभावना
View Solution

185. माँ के शुचि उपकारों का, जीवन में अन्त नहीं है। निस्वार्थ साधना पथ पर, माँ जैसा सन्त नहीं है । उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में मुख्य रूप से कौन-सा अलंकार लक्षित हो रहा है?
(अ) विभावना
(ब) विशेषोक्ति
(स) प्रतीप
(द) अनन्वय
View Solution

186. ‘बूँद अघात सहै गिरि कैसे । खल के बचन सन्त सह जैसे ।’ में अलंकार है-
(अ) उपमा
(ब) उदाहरण
(स) उत्प्रेक्षा
(द) रूपक
View Solution

187. बीती विभावरी जाग री अम्बर पनघट में डुबो रही तारा घट ऊषा – नागरी ॥
(अ) उत्प्रेक्षा
(ब) उपमा
(स) रूपक
(द) उपमेयोपमा
View Solution

error: Content is protected !!
Scroll to Top