आर्थिक प्रभाव |
1. भारत की पहली रेलवे लाइन किन स्थानों के बीच तथा कब चली?
(अ) दिल्ली – आगरा के बीच 1854 ई. में
(ब) बम्बई – पूना के बीच , 1853 ई. में
(स) बम्बई – थाणे के बीच , 1853 ई. में
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
2. भारत में प्रथम रेल लाइन का निर्माण किन नगरों के बीच हुआ था?
(अ) हावड़ा और सीरामपुर
(ब) बम्बई और थाणे
(स) मद्रास और गुन्टूर
(द) दिल्ली और आगरा
3. भारत में पहला रेल मार्ग कहाँ से कहाँ तक के लिये खुला था?
(अ) कलकत्ता से रानीगंज
(ब) बॉम्बे से पूना
(स) कलकत्ता से जमशेदपुर
(द) बॉम्बे से थाणे
4. किस कम्पनी ने सर्वप्रथम भारत में रेल सेवा प्रारम्भ की?
(अ) ईस्टर्न रेलवे
(ब) ग्रेट इण्डियन पेनिनसुलर रेलवे
(स) मद्रास रेलवे
(द) अवध तिरहुत रेलवे
5. भारत में सर्वाधिक पूँजी निवेश किस क्षेत्र/क्षेत्रों में हुआ?
(अ) चाय, कॉफी और नील में
(ब) रेलवे बैंकिंग, बीमा तथा जहाजरानी में
(स) सूती कपड़ों में
(द) जूट मिलों में
6. ब्रिटिश भारत में रेलवे की उपयोगिता पर किसने कहा था, “ब्रिटिश भारत में रेलवे की कोई उपयोगिता नहीं है, यह दूसरे की पत्नी को अलंकृत करने जैसा है।
(अ) दादाभाई नौरोजी
(ब) डी. ई. वाचा
(स) जी. बी. जोशी
(द) बालगंगाधर तिलक
7. निम्नलिखित में से किस समाचार पत्र ने कहा था कि “भारत में रेल का विकास एक हथकड़ी है?
(अ) सहचर
(ब) दैनिक-ओ-समाचार चन्द्रिका
(स) मदोवृत्त
(द) इन्दु प्रकाश
8. भारत में विदेशी पूंजी निवेश का प्रारम्भ निम्नलिखित में से किस उद्योग में हुआ?
(अ) जूट
(ब) कोयला
(स) जलयान-निर्माण
(द) रेलवे
9. भारत में जब रेलमार्ग पहली बार प्रचलित हुए उनका प्रमुख उद्देश्य था
(अ) वाणिज्य एवं व्यापार की सुविधा प्रदान करना
(ब) कृषि वाले क्षेत्रों को बाजार से जोड़ना
(स) सैनिक संचार को अधिक अच्छा और अधिक गतिमान बनाना
(द) सस्ता यात्री परिवहन प्रदान करना
10. निम्नलिखित में से किन दो स्थानों के बीच सर्वप्रथम रेलवे मार्ग का निर्माण हुआ था?
(अ) अहमदाबाद एवं सूरत
(ब) बीकानेर एवं जोधपुर
(स) कलकत्ता एवं रानीगंज
(द) मद्रास एवं अर्काट
11. रेलवे को राजकीय नियंत्रण में लाने की बात सर्वप्रथम किसने की
(अ) विलियम एकवर्थ
(ब) लार्ड डलहौजी
(स) वारेन हेस्टिंग
(द) लार्ड कार्नवालिस
12. भारत में प्रथम रेलवे लाइन किस ब्रिटिश गवर्नर के समय बिछाई गई थी?
(अ) लार्ड डलहौजी
(ब) लार्ड कर्जन
(स) लार्ड वेलेजली
(द) लार्ड लिटन
13. पहली बार भारतवर्ष की औसत प्रति व्यक्ति आय का सांख्यिकीय अनुमान प्रस्तुत करने वाला कौन था?
(अ) दादाभाई नौरोजी
(ब) रमेशचन्द्र दत्त
(स) गोपालकृष्ण गोखले
(द) फीरोजशाह मेहता
14. दादाभाई नौरोजी ने किस लेख के माध्यम से लोगों का ध्यान ‘धन निष्कासन सिद्वान्त की ओर खींचा ?
(अ) इंग्लैंड्स डेब्ट टू इण्डिया
(ब) इकोनॉमिक पॉवर्टी
(स) एट्रोसिटीज ऑफ ब्रिटिशर्स
(द) इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इण्डिया
15. दादाभाई नौरोजी द्वारा प्रतिपादित ‘अपवाह सिद्वान्त’ की सही परिभाषा नीचे के किस कथन में आती है?
(अ) देश के संसाधनों का उपयोग ब्रिटेन के हित में किया जा रहा था।
(ब) भारत की राष्ट्रीय संपदा का एक भाग अथवा कुल वार्षिक उत्पाद ब्रिटेन को निर्यात कर दिया जाता था जिसके लिए भारत को कोई वास्तविक प्रतिफल नहीं मिलता था।
(स) साम्राज्यवादी शक्ति के संरक्षण में ब्रिटिश उद्योगपतियों को भारत में निवेश के अवसर दिये जाते थे।
(द) भारत में ब्रिटिश सामान का आयात किया जाता था और यों देश को दिन प्रतिदिन अधिकाधिक गरीब बनाया जाता था।
16. दादाभाई नौरोजी द्वारा उनकी कृति ‘पावर्टी ऐण्ड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया’ में प्रस्तुत किये गये ‘अपवहन सिद्वान्त’ शब्द को निम्नलिखित कथनों में से कौन सा एक, समुचित रूप से परिभाषित करता है?
(अ) कि भारत की राष्ट्रीय सम्पत्ति या कुल वार्षिक उत्पाद का एक हिस्सा ब्रिटेन को निर्यात किया जा रहा था जिसके लिये भारत को कोई महत्वपूर्ण प्रतिफल नहीं मिलता था
(ब) कि भारत के संसाधनों का ब्रिटेन के हित में उपयोग किया जा रहा था
(स) कि ब्रिटिश उद्योगपतियों को साम्राज्यिक शक्ति के संरक्षण के अधीन भारत में निवेश करने के अवसर दिये जा रहे थे
(द) कि ब्रिटिश वस्तुएं भारत में आयातित की जा रही थीं जिससे देश दिनों-दिन अधिकाधिक गरीब होता जा रहा था
17. निम्नलिखित में से कौन ‘पावर्टी एण्ड अन-ब्रिटिश रूल इन इण्डिया’ का लेखक है?
(अ) आर.सी. दत्त
(ब) हेनरी कॉटन
(स) महात्मा गांधी
(द) दादाभाई नौरोजी
18. भारत में ‘धन निकासी के सिद्धान्त का प्रतिपादक कौन था?
(अ) आर. सी. दत्त
(ब) हेनरी काटन
(स) एस.एन. बनर्जी
(द) दादा भाई नौरोजी
19. ‘धन निकासी के सिद्वान्त’ का प्रमुख प्रतिपादक कौन था?
(अ) एम.जी. रानाडे
(ब) महात्मा गाँधी
(स) दादा भाई नौरोजी
(द) एनी बेसेन्ट
20. ब्रिटिश राज्य के समय में भारत के आर्थिक दोहन के सिद्वान्त’ को सर्वप्रथम किसने प्रकट किया?
(अ) राजा राममोहन रॉय
(ब) रमेशचन्द्र दत्त
(स) दादाभाई नौरोजी
(द) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
नमस्ते। आपका प्रयास बहुत ही सराहनीय और सकारात्मक कदम है।आपके द्वारा प्रस्तुत की जा रही प्रश्नों की शृंखला निश्चित ही प्रतियोगियों की सफलता में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।