अलंकार |
1. जहाँ एक व्यंजन की आवृत्ति एक या अनेक बार हो, वहाँ होता है-
(अ) छेकानुप्रास
(ब) वृत्यनुप्रास
(स) लाटानुप्रास
(द) अनेकानुप्रास
2. “तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए झुके कूल सो जल परसन हित मनहुँ सुहाए।” उपर्युक्त पंक्तियों में अलंकार है-
(अ) उत्प्रेक्षा
(ब) वृत्यनुप्रास
(स) शब्दार्थालंकार
(द) स्वभावोक्ति
3. “फूले कास सकल महि छाई । जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।” उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उत्प्रेक्षा
(ब) उपमा
(स) रूपक
(द) श्लेष
4. ‘सूर सूर तुलसी ससी उडगन केशवदास । अब के कवि खद्योत सम जहँ तहँ करत प्रकास । इन पंक्तियों में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है-
(अ) अनुप्रास
(ब) यमक
(द) विरोधाभास
(स) उत्प्रेक्षा
5. माँ के शुचि उपकारों का, जीवन में अन्त नहीं है। निस्वार्थ साधना पथ पर, माँ जैसा सन्त नहीं है। उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में मुख्य रूप से कौन-सा अलंकार लक्षित हो रहा है-
(अ) विभावना
(ब) विशेषोक्ति
(स) प्रतीप
(द) अनन्वय
6. तू रूप है किरण में, सौन्दर्य है सुमन में; तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में। उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है-
(अ) रूपक
(ब) उपमा
(स) उल्लेख
(द) विरोधाभास
7. साधारणतया यमक का ठीक उल्टा इस अलंकार को माना जाता है-
(अ) श्लेष
(ब) रूपक
(स) लाटानुप्रास
(द) वृत्यनुप्रास
8. कनक – कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय वा खाए बौरात नर या पाए बौराय ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उपमा
(ब) यमक
(स) अनुप्रास
(द) श्लेष
9. नवल सुन्दर श्याम शरीर में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उल्लेख
(ब) उपमा
(स) रूपक
(द) अतिशयोक्ति
10. बीती विभावरी जाग री अम्बर- पनघट में डूबो रही तारा घट ऊषा नागरी ॥* उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है-
(अ) अनुप्रास
(ब) रूपक
(स) उपमा
(द) संदेह
11. नीर भरे नित प्रति रहें तऊ न प्यास बुझाई’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
(अ) अतिशयोक्ति
(ब) विशेषोक्ति
(स) विभावना
(द) उपमा
12. संगति सुमति न पावई, परे कुमति के धंध । राखी मेलि कपूर में हींग न होय सुगंध । में कौन-सा अलंकार है-
(अ) रूपक
(ब) श्रुत्यनुप्रास
(स) यमक
(द) दृष्टांत
13. उपमेय में कल्पित उपमान की सम्भावना को कहते हैं-
(अ) उपमा
(ब) रूपक
(स) उत्प्रेक्षा
(द) दृष्टांत
14. उपमान और उपमेय का अभेद कहलाता है-
(अ) उपमा
(ब) रूपक
(स) उत्प्रेक्षा
(द) भ्रांतिमान
15. कबिरा सोई पीर है, जे जाने पर पीर । जे पर पीर न जानई, सो काफिर बेपीर ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) यमक
(ब) रूपक
(स) पुनरुक्ति
(द) श्लेष
16. नहिं पराग नहि मधुर मधु, नहि विकास इहि काल । अली कली ही सौं विध्यों, आगे कौन हवाल ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) रूपक
(ब) विशेषोक्ति
(स) अन्योक्ति
(द) अतिशयोक्ति
17. जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास किया जाए, वहाँ पर होता है-
(अ) दृष्टांत
(ब) व्यतिरेक
(स) विरोधाभास
(द) अतिशयोक्ति
18. ‘पीपर पात सरिस मनडोला’ पंक्ति में अलंकार है-
(अ) उत्प्रेक्षा
(ब) उपमा
(द) अतिशयोक्ति
(स) रूपक
19. ‘मुदित महीपति मंदिर आए सेवक सचिव सुमंत बुलाए पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उपमा
(ब) रूपक
(स) अनुप्रास
(द) यमक
20. प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन किस अलंकार का लक्षण है-
(अ) अनुमान
(ब) एकावली
(स) परिकर
(द) कारणमाला
21. रहिमन जो गति दीप की कुल कपूत गति सोय बारे उजियारै लगै, बढ़े अंधेरो होय प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उपमा
(ब) रूपक
(स) यमक
(द) श्लेष
22. किस पंक्ति में ‘अपह्नुति’ अलंकार है-
(अ) इसका मुख चन्द्रमा के समान है।
(ब) चन्द्र इसके मुख के समान है।
(स) इसका मुख ही चन्द्र है।
(द) यह चन्द्र नहीं मुख है
23. अब अलि रही गुलाब में, अपत कटीली डार में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उपमा
(ब) उत्प्रेक्षा
(स) अन्योक्ति
(द) अतिशयोक्ति
24. निम्न में से कौन अर्थालंकार है-
(अ) श्लेष
(ब) यमक
(स) वक्रोक्ति
(द) रूपक
25. ‘जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं इस काव्य पंक्ति में दिए गए विकल्पों में सही अलंकार का चयन कीजिए-
(अ) उपमा
(ब) रूपक
(स) यमक
(द) श्लेष
26. सिर झुका तूने नियति की मान ली यह बात । स्वयं ही मुरझा गया तेरा हृदय जलजात प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) लाटानुप्रास
(ब) रूपक
(स) श्लेष
(द) वक्रोक्ति
27. उदित उदय गिरि मंच पर, रघुबर बाल पतंग | विकसे संत सरोज सब, हरणे लोचन भृंग।’ इस दोहे में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उपमा
(ब) उत्प्रेक्षा
(स) रूपक
(द) श्लेष
28. विमाता बन गई आँधी भयावह हुआ चंचल न फिर भी श्यामघन वह प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) अतद्गुण
(ब) रूपक
(स) श्लेष
(द) वक्रोक्ति
29. पायें महावर देन को नाइन बैठी आय। फिर फिर – जानि महावरी, एड़ी मीड़ति जाय ॥ में कौन-सा अलंकार है-
(अ) अतिशयोक्ति
(ब) भ्रान्तिमान
(स) संदेह
(द) प्रतीप
30. चरण धरत चिंता करत, चितवत चारिउ ओर। सुबरन को ढूँढ़त फिरत, कवि व्यभिचारी चोर ॥ उपर्युक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है-
(अ) श्लेष
(ब) यमक
(स) उपमा
(द) रूपक