अलंकार |
61. ‘फूले काँस सकल महि छाई, जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई में अलंकार है-
(अ) यमक
(ब) श्लेष
(स) रूपक
(द) उत्प्रेक्षा
62. उसी तपस्वी से लम्बे थे, देवदार दो-चार खड़े, में अलंकार है-
(अ) श्लेष
(ब) अतिशयोक्ति
(स) परिसंख्या
(द) प्रतीप
63. बिनु पद चलै सुने बिनु काना कर बिनु कर्म करे विधि नाना। इस चौपाई में अलंकार है-
(अ) विषम
(ब) विभावना
(स) असंगति
(द) तद्गुण
64. ‘कुल कानन कुंडल मोर पखा, उर पे बनमाल विराजति है।’ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) अनुप्रास
(ब) यमक
(स) श्लेष
(द) वक्रोक्ति
65. उपमेय में कल्पित उपमान की सम्भावना को कहते हैं-
(अ) श्लेष
(ब) उपमा
(स) उत्प्रेक्षा
(द) अनुमान
66. निम्न में कौन-सा अलंकार है- माला फेरत जुग भया, गया न मन का फेर कर का मनका डारि कै, मन का मनका फेर ।
(अ) वृत्यनुप्रास
(ब) श्रुत्यनुप्रास
(स) यमक
(द) लाटानुप्रास
67. जब काव्य में एक शब्द की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार होती है, परन्तु उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं, वहाँ पर होता है-
(अ) अनुप्रास अलंकार
(ब) रूपक अलंकार
(स) उपमा अलंकार
(द) यमक अलंकार
68. सोहत औढ़ें पीत पटु, स्याम सलौने गात । मनौ नीलमनि सैल पर आतप परयौ प्रभात ॥’ उपर्युक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उत्प्रेक्षा
(ब) रूपक
(स) उपमा
(द) श्लेष
69. पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है-
(अ) लाटानुप्रास
(ब) रूपक
(स) श्लेष
(द) वक्रोक्ति
70. ‘चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से में कौन-सा अलंकार है-
(अ) अनुप्रास
(ब) श्लेष
(स) यमक
(द) उत्प्रेक्षा
71. ‘चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थीं, जल थल में’ इसमें कौन-सा अलंकार है-
(अ) अनुप्रास
(ब) उपमा
(स) रूपक
(द) उत्प्रेक्षा
72. ‘ तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में।’ इसमें प्रयुक्त अलंकार है-
(अ) श्लेष
(ब) यमक
(स) रूपक
(द) उत्प्रेक्षा
73. ‘सुबरन को खोजत फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर’ में किस अलंकार को प्रदर्शित किया गया है-
(अ) यमक
(ब) श्लेष
(स) रूपक
(द) उपमा
74. ‘दीप सा मन जल चुका है।’ इस पंक्ति में ‘वाचक’ शब्द है-
(अ) दीप
(ब) सा
(स) मन
(द) जल चुका
75. काली घटा का घमण्ड घटा, नभ मण्डल तारक वृंद खिले प्रस्तुत पंक्तियों में कौन- सा अलंकार है-
(अ) लाटानुप्रास
(ब) यमक
(स) श्लेष
(द) वक्रोक्ति
76. ‘जननी तू जननी भई विधि सन कछु न बसाय’ में कौन सा अलंकार है-
(अ) छेकानुप्रास
(ब) वृत्यनुप्रास
(स) लाटानुप्रास
(द) इनमें से कोई नहीं
77. मुख कमल समीप सजे थे, दो किसलय दल पुराइन के उपर्युक्त पंक्तियों में कौन- सा अलंकार है-
(अ) रूपक
(ब) अतिशयोक्ति
(स) उत्प्रेक्षा
(द) उपमा
78. ‘खग-कुल कुल-कूल सा बोल रहा रेखांकित शब्दों का अलंकार है-
(अ) यमक
(ब) श्लेष
(स) उपमा
(द) रूपक
79. जहाँ उपमेय में अनेक उपमानों की शंका होती है वहाँ कौन-सा अलंकार होता है-
(अ) यमक
(ब) श्लेष
(स) भ्रांतिमान
(द) संदेह
80. ‘मन सागर मनसा लहरि, बड़े बहे अनेक ।’ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है
(अ) अतद्गुण
(ब) रूपक
(स) श्लेष
(द) वक्रोक्ति
81. ‘ सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी’ में कौन-सा अलंकार है-
(अ) उत्प्रेक्षा
(ब) रूपक
(स) अनुप्रास
(द) व्यतिरेक
82. ‘रहिमन पुतरी श्याम, मनहु जलज मधुकर लसै प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार
(अ) रूपक
(ब) उत्प्रेक्षा
(स) यमक
(द) उपमा
83. ‘मुख रूपी चाँद पर राहु भी धोखा खा गया’ पंक्तियों में अलंकार है-
(अ) श्लेष
(ब) वक्रोक्ति
(स) उपमा
(द) रूपक
84. उषा सुनहले तीर बरसती, जयलक्ष्मी सी उदित हुई। इसमें अलंकार है-
(अ) मानवीकरण
(ब) दृष्टान्त
(स) सन्देह
(द) विरोधाभास
85. ‘मुदित मनोहर मानस देखा’ पंक्ति में अलंकार है-
(अ) यमक
(ब) अनुप्रास
(स) उपमा
(द) रूपक
86. निम्नलिखित प्रश्न के चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है- रघुपति राघव राजा राम
(अ) अनुप्रास अलंकार
(ब) यमक अलंकार
(स) रूपक अलंकार
(द) उपमा अलंकार
87. निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है-
(अ) उपमा
(ब) रूपक
(स) उत्प्रेक्षा
(द) यमक
88. निम्नलिखित प्रश्न के चार विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है- तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये
(अ) अनुप्रास अलंकार
(ब) यमक अलंकार
(स) श्लेष अलंकार
(द) अलंकार
89. जहाँ एक ही वर्ण की बार-बार आवृत्ति होती है वहाँ अलंकार होगा-
(अ) यमक
(ब) अनुप्रास
(स) श्लेष
(द) उपमा
90. वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति किस अलंकार में होती है-
(अ) उपमा अलंकार
(ब) रूपक अलंकार
(स) अनुप्रास अलंकार
(द) श्लेष अलंकार