भारत का संवैधानिक विकास

भारत का संवैधानिक विकास 1. भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में, ‘द्वैध शासन (डायआर्की) सिद्वान्त किसे निर्दिष्ट करता है? (अ) केन्द्रीय विधानमण्डल का दो सदनों में विभाजन। (ब) दो सरकारों, अर्थात् केन्द्रीय और राज्य सरकारों का शुरू किया जाना। (स) दो शासक-समुच्चय; एक लन्दन में और दूसरा दिल्ली में होना। (द) प्रान्तों को प्रत्यायोजित विषयों का […]

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