केंद्रीय बजट (Union Budget) 2023-24

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश किया। बजट की मुख्‍य बातें इस प्रकार से हैं-

बजट 2023-24 के प्रमुख बिंदु

  • चार रूपांतरकारी अवसरों पर आधारित त्रिआयामी फोकस अमृत काल का मुख्‍य आधार है
  • पूंजीगत निवेश व्‍यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया
  • प्रभावी पूंजीगत व्‍यय जीडीपी का 4.5 प्रतिशत है
  • राजकोषीय घाटा वर्ष 2023-24 में जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान
  • वास्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
  • निर्यात वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023 में 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
  • उच्‍च मूल्‍य वाली बागवानी फसलों के लिए गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए 2200 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ आत्‍मनिर्भर स्‍वच्‍छ पौध कार्यक्रम शुरू किया जाएगा
  • 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे
  • पीएम आवास योजना का परिव्‍यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79000 करोड़ रुपये से भी अधिक किया गया
  • रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक पूंजीगत परिव्‍यय प्रदान किया गया है
  • प्राथमिकता क्षेत्र के ऋणों में आई कमी का उपयोग करके शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआईडीएफ) बनाया जाएगा
  • 10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश से गोबर्धन योजना के तहत 500 नए ‘कचरे से संपदा’ संयंत्र स्‍थापित किए जाएंगे
  • 10,000 जैव-कच्‍चा माल संसाधन केन्‍द्र स्‍थापित किए जाएंगे जिससे राष्‍ट्रीय स्‍तर का वितरित सूक्ष्‍म–उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनेगा
  • मंत्री कौशल विकास योजना 4.0 का शुभारंभ किया जाएगा
  • केन्‍द्रीय बजट 2023-24 में व्‍यक्तिगत आयकर पर व्‍यापक राहत दी गई है
  • नई कर व्‍यवस्‍था के तहत नए स्लैब घोषित किए गए हैं
  • नई कर व्‍यवस्‍था के तहत 7 लाख रुपये तक की कुल आय वाले निवासी व्‍यक्ति को कोई आयकर नहीं देना होगा
  • नई कर व्‍यवस्‍था के तहत वेतनभोगी व्‍यक्तियों को 50,000 रुपये की मानक कटौती भी उपलब्‍ध होगी
  • व्‍यक्तियों एवं एचयूएफ के लिए नई कर व्‍यवस्‍था ही डिफॉल्‍ट व्‍यवस्‍था होगी
  • गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर अवकाश नकदीकरण पर कर छूट सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है
  • सहकारी क्षेत्र के लिए अनेक प्रस्‍तावों की घोषणा
  • अप्रत्‍यक्ष कर संबंधी प्रस्तावों का उद्देश्‍य निर्यात को प्रोत्‍साहित करना, देश में विनिर्माण को बढ़ावा देना, घरेलू मूल्‍यवर्धन में वृद्धि करना, और हरित ऊर्जा एवं गतिशीलता को प्रोत्‍साहित करना है
  • वस्‍त्र एवं कृषि को छोड़ अन्‍य वस्‍तुओं पर मूल सीमा शुल्‍क की दरों की कुल संख्‍या 21 से घटाकर 13 कर दी गई है

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सभी के लिए सुविधाएँ
  • प्रति व्‍यक्ति आय करीब 9 वर्षों में दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है।
  • भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आकार बढ़ा है और यह पिछले 9 साल में विश्‍व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यस्‍था बन गई है।
  • कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन में सदस्‍यों की संख्‍या दोगुनी से अधिक होकर 27 करोड़ तक पहुंच गई है।
  • वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्‍यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान किए गए हैं।
  • स्‍वच्‍छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं।
  • उज्‍ज्‍वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्‍शन दिये गए।
  • 102 करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए कोविड रोधी टीकाकरण का आंकड़ा 220 करोड़ से पार।
  • 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए।
  • पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्‍योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवरेज।
  • पीएम सम्‍मान किसान निधि के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्‍तांतरण।

भाग – अ

अमृत काल के लिये बजट का विज़न  

भारत के वित्त मंत्री ने इसे अमृत काल में पहला बजट कहा। अमृत काल का विज़न एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था है जो एक मज़बूत वित्तीय क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी-संचालित और ज्ञान-आधारित है। 

बजट में इंडिया@100 तक पहुँचने से पहले 4 परिवर्तनकारी अवसरों की पहचान की गई है-

    • स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण
    • पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (PM विकास)
    • मिशन मोड में पर्यटन को बढ़ावा
    • हरित विकास  
बजट 2023-24 की प्राथमिकताएँ

प्राथमिकता-1. समावेशी विकास
कृषि और सहकारिताएं

  • डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना- ओपन सोर्स, ओपन स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक बेनिफिट के तौर पर कृषि के लिये डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना विकसित की जाएगी, जिसके निम्नलिखित परिणाम होंगे-  
    • समावेशी किसान-केंद्रित समाधान
    • फसल योजना/स्वास्थ्य के लिये प्रासंगिक सूचना सेवाएँ
    • कृषि इनपुट, ऋण और बीमा तक बेहतर पहुँच
    • कृषि-प्रौद्योगिकी उद्योग और स्टार्ट-अप्स का विकास-समर्थन
  • कृषि-स्टार्टअप के लिये वित्तपोषण- ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिये कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी।
  • कृषि-ऋण- पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा।
    • मछुआरों, मछली विक्रेताओं और MSME के लिये 6,000 करोड़ रुपए के लक्षित निवेश के साथ पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू की जाएगी।
  • बागवानी- आत्‍मनिर्भर स्‍वच्‍छ पादप कार्यक्रम का शुभारंभ 2,200  करोड़ रुपए के प्रारंभिक परिव्‍यय के साथ उच्‍च गुणवत्ता वाली बागवानी फसल हेतु रोग-मुक्‍त तथा गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्‍धता बढ़ाने के उद्देश्‍य से किया जाएगा। 
  • कदन्न- भारत को ‘श्री अन्न’ (पोषक अनाज/कदन्न) हेतु एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिये ‘भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद’ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकियों को साझा करने हेतु उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा।
  • कृषि सहकारी समितियाँ- “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिये सरकार अगले 5 वर्षों में विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित करने और कवर न किये गए गाँवों में कई सहकारी समितियों की स्थापना करने की योजना बना रही है।
स्वास्थ्य

Develop

  • वर्ष 2014 से स्‍थापित मौजूदा 157 चिकित्‍सा महाविद्यालयों के साथ ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।  
  • वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन हेतु एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें शामिल होगा-
    • जागरूकता बढ़ाना
    • प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 7 करोड़ लोगों (0-40 वर्ष की आयु) की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग
    • केंद्र और राज्यों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श
शिक्षा और कौशल

Education

प्राथमिकता-2. अंतिम छोर तक पहुँचना

Last-Point

  • नया ‘आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम’-
    • आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम की सफलता के आधार पर आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम हाल ही में 500 ब्लॉकों को कवर करते हुए शुरू किया गया था।  
    • इसका उद्देश्य स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी ढाँचे जैसे कई क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार करना है।
  • प्रधानमंत्री कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) विकास मिशन-
    • विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups- PVTG) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार हेतु प्रधानमंत्री PVTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा।   
    • इससे PVTG परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल तथा स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, सड़क तथा दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों तक बेहतर पहुँच जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। 
    • अनुसूचित जनजातियों के लिये विकास कार्ययोजना के तहत अगले 3 वर्षों में मिशन को लागू करने के लिये 15,000 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
    • केंद्र 3.5 लाख आदिवासी छात्रों की सेवा करने वाले 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिये 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भी भर्ती करेगा।
    • सूखाग्रस्त क्षेत्र के लिये जल-
      • कर्नाटक के सूखाग्रस्त मध्य क्षेत्र में ऊपरी भद्रा परियोजना को स्थायी सूक्ष्म सिंचाई प्रदान करने और पीने के पानी के लिये भूमिगत वाटर टैंकों को भरने हेतु 5,300 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। 
    • अन्य पहल- 
      • प्रधानमंत्री आवास योजना के परिव्यय को 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपए से अधिक किया जा रहा है
      • पहले चरण में 1 लाख प्राचीन शिलालेखों के डिजिटलीकरण के साथ एक डिजिटल एपिग्राफी संग्रहालय में ‘भारत साझा शिलालेख (भारत श्री)’ स्थापित किया जाएगा।प्राथमिकता- 3- अवसंरचना और निवेश
प्राथमिकता-3. अवसंरचना और निवेश

  • अवसंरचना हेतु पूंजीगत व्यय में वृद्धि-  
    • पूंजी निवेश परिव्यय लगातार तीसरे वर्ष बढ़ा है जो 33% बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिससे यह सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% हो गया है।
    • ‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’ का बजट 13.7 लाख करोड़ रुपए है जो सकल घरेलू उत्पाद का 4.5% है।
  • पूंजीगत निवेश हेतु राज्य सरकारों को सहायता-
    • सरकार ने अवसंरचना में निवेश को बढ़ावा देने और उन्हें पूरक नीतिगत कार्यों के लिये प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकारों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण को एक और वर्ष के लिये जारी रखने का फैसला किया है।
    • इसके लिये बढ़ा हुआ परिव्यय 1.3 लाख करोड़ रुपए है।
  • रेलवे- 
    • रेलवे के लिये 2.40 लाख करोड़ रुपए का पूंजी परिव्यय प्रदान किया गया है, यह  अब तक का सबसे अधिक परिव्यय है जो वर्ष 2013-14 में किये गए परिव्यय का लगभग 9 गुना अधिक है। 
  • विमानन-
    • क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार हेतु 50 अतिरिक्त हवाईअड्डे, हेलीपोर्ट, वाटर एयरोड्रोम और उन्नत लैंडिंग ग्राउंड को पुनर्विकसित किया जाएगा। 
  • अन्य परिवहन परियोजनाएँ- 
    • निजी स्रोतों से 15,000 करोड़ रुपए सहित 75,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ बंदरगाहों, कोयला, इस्पात, उर्वरक और खाद्यान्न उद्योगों के लिये अंतिम छोर तक पहुँच हेतु 100 महत्त्वपूर्ण परिवहन बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की पहचान की गई है।
    • प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के लिये ऋण की उपलब्धता हेतु एक शहरी अवसंरचना विकास निधि (Urban Infrastructure Development Fund- UIDF) की स्थापना की जाएगी।
      • UIDAF का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और टियर 2 और टियर 3 शहरों में शहरी बुनियादी ढाँचा तैयार करने के लिये सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा इसका उपयोग किया जाएगा।
      • इस उद्देश्य के लिये वार्षिक आधार पर 10,000 करोड़ रुपए आवंटित किये जाएंगे।
प्राथमिकता-4. क्षमता उभारना 


  • अनुपालन को कम करना और जन विश्वास विधेयक-
    • कंपनी अधिनियम 2013 में किये गए संशोधनों के तहत व्यापार सुगमता को बढ़ाने के लिये 39,000 से अधिक अनुपालन कम किये गए हैं और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को गैर-अपराधीकृत किया गया है।
    • विश्वास पर आधारित शासन को आगे बढ़ाने के लिये सरकार ने 42 केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन के लिये जन विश्वास विधेयक पेश किया।
  • AI के लिये उत्कृष्टता केंद्र-
    • “मेक AI इन इंडिया एंड मेक AI वर्क फॉर इंडिया” के विज़न को साकार करने के लिये शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिये तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
    • कृषि, स्वास्थ्य और स्थायी शहरों में अनुसंधान, अत्याधुनिक अनुप्रयोगों को विकसित करने और बेहतर समाधान पेश करने में अग्रणी उद्योग के अभिकर्त्ता महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
  • राष्ट्रीय डेटा शासन नीति-
    • स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार एवं  अनुसंधान की सुविधा के लिये एक राष्ट्रीय डेटा शासन नीति लाई जाएगी, जो अज्ञात डेटा तक पहुँच को सक्षम करेगी।
  • डेटा शेयरिंग के लिये डिजीलॉकर-  
    • विभिन्न प्राधिकरणों, नियामकों, बैंकों और अन्य व्यावसायिक संस्थाओं के सा, जब भी आवश्यक हो दस्तावेज़ों को ऑनलाइन सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने और साझा करने के लिये MSME, बड़े व्यवसाय तथा धर्मार्थ ट्रस्टों द्वारा उपयोग के लिये एक डिजीलॉकर स्थापित किया जाएगा।
  • विवादों का समाधान- 
    • विवाद से विश्वास- MSME के लिये कम कठोर अनुबंध निष्पादन (कोविड अवधि के दौरान प्रभावित MSME को राहत के रूप में प्रदान किया जा रहा है)।
      • सरकार और सरकारी उपक्रमों के संविदात्मक विवादों के तेज़ी से निपटान को सक्षम करने वाली आसान और मानकीकृत निपटान योजना।
    • ई-न्यायालय- न्याय के प्रभावी प्रशासन के लिये ई-न्यायालय का तीसरा चरण शुरू किया जाएगा।
  • 5G प्रौद्योगिकी-  
    • इंजीनियरिंग संस्थानों में 5G सेवाओं का उपयोग कर अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिये 100 प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी ताकि अवसरों, व्यापार मॉडल और रोज़गार की संभावनाओं की एक नई शृंखला को साकार किया जा सके। 
    • प्रयोगशालाओं में स्मार्ट क्लासरूम, सटीक खेती, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हेल्थकेयर एप जैसे एप्लीकेशन की सुविधा होगी।
प्राथमिकता-5. हरित क्रांति

Eco-Development

  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन-
    • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिये 19,700 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं ताकि अर्थव्यवस्था को कम कार्बन तीव्रता में परिवर्तित करने, जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता को कम करने तथा देश को इस उभरते हुए क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और बाज़ार का नेतृत्त्व करने के लिये तैयार किया जा सके।
    • लक्ष्य- वर्ष 2030 तक 5 MMT के वार्षिक उत्पादन तक पहुँचने का लक्ष्य है।
  • गोबरधन योजना-
    • चक्रीय अर्थव्‍यवथा को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से गोबरधन (गैल्‍वनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक योजना के तहत 10,000 हज़ार करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ 500 नए ‘अपशिष्‍ट से आमदनी’ संयंत्र स्‍थापित किये जाएंगे।    
    • प्राकृतिक और बॉयोगेस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिये 5 प्रतिशत का कम्‍प्रेस्‍ड बायोगैस अधिशेष भी लाया जाएगा।
  • भारतीय प्राकृतिक खेती जैव-इनपुट संसाधन केंद्र-
    • सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिये प्रोत्‍साहित कर उनकी सहायता करेगी। इसके लिये राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वितरित सूक्ष्‍म उर्वरक एवं कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क तैयार करते हुए 10,000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्र स्‍थापित किये जाएंगे।
  • हरित ऊर्जा में अन्य निवेश-
    • ऊर्जा संक्रमण और शुद्ध शून्य उद्देश्यों तथा ऊर्जा सुरक्षा (पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय) की दिशा में प्राथमिकता वाले पूंजी निवेश के लिये 35,000 करोड़ रुपए।
    • 4,000 मेगावाट की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण के साथ समर्थित किया जाएगा।
    • लद्दाख से 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की निकासी और ग्रिड एकीकरण हेतु अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली के लिये 20,700 करोड़ रुपए (केंद्रीय सहायता- 8,300 करोड़ रुपए)।
प्राथमिकता-6. अमृत पीढ़ी – युवा शक्ति

  • MSME के लिये क्रेडिट गारंटी-
    • वर्ष 2022 में MSME के लिये क्रेडिट गारंटी योजना को नया प्रारूप दिया गया था और यह 1 अप्रैल, 2023 से 9,000 करोड़ रुपए की राशि के निवेश के माध्यम से प्रभावी होगी।  
      • इससे अतिरिक्त 2 लाख करोड़ रुपए के संपार्श्विक (collateral) मुक्त गारंटीकृत ऋण की अनुमति मिलेगी।
      • क्रेडिट की लागत लगभग 1% कम हो जाएगी।
      • इससे 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त संपार्श्विक-मुक्त गारंटीकृत ऋण प्रदान किया जा सकेगा।  
      • क्रेडिट की लागत लगभग 1% कम हो जाएगी।
प्राथमिकता-6. वित्तीय क्षेत्र

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  • वित्तीय सूचना रजिस्ट्री- 
    • वित्तीय और सहायक सूचनाओं के केंद्रीय भंडार के रूप में काम करने के लिये एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की जाएगी।
    • यह ऋण के कुशल प्रवाह की सुविधा प्रदान करेगा, जो वित्तीय समावेशन और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देगा।
    • एक नया विधायी ढाँचा, जिसे RBI के परामर्श से तैयार किया गया है, इस क्रेडिट सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे को नियंत्रित करेगा।
  • लघु बचत योजनाएँ- 
    • आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने हेतु एक बार नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र, को मार्च 2025 तक दो साल की अवधि के लिये उपलब्ध कराया जाएगा। 
      • यह आंशिक निकासी विकल्प के साथ महिलाओं या लड़कियों (7.5% की निश्चित ब्याज दर) के नाम पर 2 लाख रुपए तक की जमा सुविधा प्रदान करेगा।
    • वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिये अधिकतम जमा सीमा 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए की जाएगी।
    • मासिक आय खाता योजना के लिये अधिकतम जमा सीमा 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए (एकल खाते के लिये) और 9 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए (संयुक्त खाते के लिये) की जाएगी।
राजकोषीय प्रबंधन की स्थिति

Center-Budget

  • पूंजीगत व्यय हेतु धन का उपयोग-  
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को वर्ष 2023-24 के अंत तक पूंजीगत व्यय के लिये अपने 50 वर्षीय ऋण का उपयोग करना चाहिये।
    • पुराने सरकारी वाहनों को बदलना।
    • शहरी नियोजन में सुधार।
    • शहरी स्थानीय निकायों को नगरपालिका बॉण्ड प्राप्त करने हेतु पात्र बनाना।
    • पुलिस अधिकारियों हेतु आवास का निर्माण।
    • एकीकृत मॉल का निर्माण।
    • बच्चों और किशोरों हेतु पुस्तकालयों तथा डिजिटल बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना।
    • केंद्रीय योजनाओं के पूंजीगत व्यय में योगदान करना। 
    • राज्यों को राजकोषीय घाटे की अनुमति-  
      • राज्यों को अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का 3.5% घाटा रखने की अनुमति है, इस राशि का 0.5% विशेष रूप से विद्युत क्षेत्र में सुधारों के लिये निर्धारित है।  
    • संशोधित अनुमान 2022-23- 
      • कुल प्राप्तियाँ (उधार को छोड़कर)- 24.3 लाख करोड़ रुपए।
      • शुद्ध कर प्राप्ति- 20.9 लाख करोड़ रुपए।
      • कुल व्यय- 41.9 लाख करोड़ रुपए।
      • पूंजीगत व्यय- 7.3 लाख करोड़ रुपए।
      • राजकोषीय घाटा- सकल घरेलू उत्पाद का 6.4%।
    • बजट अनुमान 2023-24-
      • बजट 2023-24 में कुल प्राप्तियाँ और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपए और 45 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है।
      • निवल कर प्राप्तियाँ 23.3 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
      • राजकोषीय घाटा GDP के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान।
      • वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करने के लिये दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाज़ार उधारियाँ 11.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
      • सकल बाज़ार उधारी का अनुमान 15.4 लाख करोड़ रुपए है।
      • साथ ही सरकार वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% से कम करने के लिये इस योजना पर अडिग रहने हेतु प्रतिबद्ध है।


भाग– B 

प्रत्यक्ष कर
  • प्रत्यक्ष कर के प्रस्तावों का उद्देश्य कर संरचना की निरंतरता और स्थिरता बनाए रखना, अनुपालन भार को कम करने के लिए विभिन्न प्रावधानों का और सरलीकरण तथा उन्हें युक्तिसंगत बनाना, उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करना और नागरिकों को कर राहत प्रदान करना।
  • आयकर विभाग अनुपालन को आसान और निर्बाध बनाने के लिए करदाता सेवाओं में सुधार करने का सतत प्रयास कर रहा है।
  • करदाता सेवाओं में और सुधार करने के लिए करदाताओं की सुविधा हेतु अगली पीढ़ी के सामान्य आईटी रिटर्न फार्म लाने और साथ ही शिकायत निवारण तंत्र को और सुदृढ़ करने की योजना बना रहा है।
  • नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया है। इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा।
  • नयी व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।

नई कर दरें-

कुल आय (रुपए)

दर (प्रतिशत)

3,00,000 तक

कुछ नहीं

3,00,001 से 6,00,000 तक

5

6,00,001 से 9,00,000 तक

10

9,00,001 से 12,00,000 तक

15

12,00,001 से 15,00,000 तक

20

15,00,000  से अधिक

30

  • नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है।
    • नई कर व्यवस्था में उच्च प्रभार दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके फलस्वरूप अधिकतम व्यक्तिगत आय कर दर में 39 प्रतिशत तक की कटौती होगी।
    • गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नगदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई।
    • नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा।
    • सूक्ष्म उद्यमों और कुछ पेशेवरों के लिए बढ़ी सीमाओं के लिए अनुमानित कराधान के लाभ लेने का प्रस्ताव किया गया है। बढ़ी सीमा वर्ष के दौरान नगदी में ली गई कुल राशि के मामले में लागू होगी जो कुल सकल प्राप्तियों/टर्नओवर की 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होती है।
    • एमएसएमई को किए गए भुगतान पर हुए व्यय के लिए कटौती को उसी मामले में अनुमति होगी जब समय पर प्राप्त भुगतानों में एमएसएमई की सहायता के क्रम में वास्तविक रूप से भुगतान किया गया हो।
    • ऐसी नई सहकारी संस्थाएं जो नई विनिर्माण कंपनियों को वर्तमान में उपलब्ध 15 प्रतिशत की कम कर दर का लाभ प्राप्त करने के लिए 31.3.2024 तक विनिर्माण गतिविधियां शुरू की हैं।
    • चीनी सहकारी संस्थाओं को भुगतान के रूप में मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पूर्व अवधि के लिए गन्ना किसानों को किए गए भुगतान का दावा करने का अवसर दिया गया है। इससे इन्हें लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की राहत उपलब्ध होने की उम्मीद है।

  • प्राथमिक कृषि कॉपरेटिव सोसाइटी (पीएसीएस) और प्राथमिक कॉपरेटिव कृषि ग्रामीण विकास बैंक (पीसीएआरडीबी) को नगद में दिए गए जमा एवं ऋणों हेतु 2 लाख रुपये प्रति सदस्य की उच्चतम सीमा का प्रस्ताव।
  • सहकारी समितियों को टीडीएस के लिए नगदी निकासी पर 3 करोड़ रुपये की उच्चतम सीमा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव।
  • स्टार्ट-अप द्वारा आयकर लाभ प्राप्त करने हेतु निगमन की तारीख 31.03.23 से बढ़ाकर 31.03.2024 तक करने का प्रस्ताव।
  • स्टार्ट-अप की शेयरधारिता में परिवर्तन पर हानियों के अग्रेनयन के लाभ को निगमन के सात वर्ष से 10 वर्ष तक प्रदान करने का प्रस्ताव।
  • कर रियायतों और छूटों को बेहतर लक्षित करने के लिए धारा 54 और 54एच के तहत आवासीय गृह मे किए गए निवेश पर पूंजीगत लाभों से कटौती की सीमा को 10 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।
  • दिनांक 1 अप्रैल, 2023 को या इसके बाद जारी जीवन बीमा पॉलिसियां (यूलिप को छोड़कर) के लिए कुल प्रीमियम अगर 5 लाख रुपये से अधिक है, तो केवल उन पॉलिसियों, जिनका प्रीमियम 5 लाख रुपये तक है, से होने वाली आय पर छूट देने का प्रावधान। बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त राशि पर प्रदान की गई कर छूट पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • आयकर प्राधिकरण बोर्ड और कमीशन जिसकी स्थापना केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा हाउसिंग, शहर का विकास, कस्बा और गांव के लिए नियामक और विकास गतिविधियों या कार्यों के लिए की गई हो उन्हें आयकर से बाहर रखने का प्रस्ताव।
  • ऑनलाइन गेमिंग में टीडीएस 10,000 रुपये की न्यूनतम सीमा को हटाना और ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित कर देयता को स्पष्ट करने का प्रस्ताव। टीडीएस और नेट विनिंग के निकासी के समय या वित्तीय वर्ष के अंत में टीडीएस और कर देयता के लिए प्रस्ताव।
  • गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट में या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को गोल्ड में परिवर्तित करने पर इसे पूंजीगत लाभ के तौर पर नहीं माना जाएगा।
  • गैर-पैन मामलों में ईपीएफ आहरण के कर योग्य भाग पर टीडीएस दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किया गया।
  • मार्केट लिंकड डिबेन्चर से प्राप्त आय कराधान के अंतर्गत होगी।
  • आयुक्त स्तर पर अपीलों के लंबन को कम करने के लिए छोटी अपीलों को निपटाने के लिए लगभग 100 संयुक्त आयुक्तों की तैनाती का प्रस्ताव। हम इस वर्ष पहले से प्राप्त विवरणियों को जांच के लिए चनने हेतु और अधिक सेलेक्टिव रहेंगे।
  • आईएफएससी, गिफ्ट सीटी को अंतरित निधियों के कर लाभों की अवधि को 31.03.2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव।
  • आयकर अधिनियम की धारा 276ए के अंतर्गत 1 अप्रैल, 2023 से गैर अपराधीकरण।
  • आईडीबीआई बैंक सहित रणनीतिक विनिवेश के मामले में हानियों को अग्रेनित करने का प्रस्ताव।
  • अग्निवीर निधि को ईईई स्तर प्रदान करने और अग्निपथ योजना 2022 में पंजीकृत अग्निवीरों को अग्निवीर कॉर्पस फंड द्वारा किया गया भुगतान को कर के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव। अग्निवीरों की कुल आय में कटौती को अग्निवीरों को देने का प्रस्ताव, जो उन्होंने अपना योगदान दिया है या केन्द्र सरकार ने इनकी सेवा के लिए उनके खाते में हस्तांरित किया है।
अप्रत्यक्ष कर
  • वस्त्रों और कृषि को छोड़कर बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया।
  • कुछ वस्तुओं की बेसिक सीमा शुल्कों, उपकरों और अधिभारों में मामूली परिवर्तन हुआ है जिसमें खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल और नाफ्था शामिल हैं।
  • सम्मिलित कंप्रेस्ड बायो गैस, जिस पर जीएसटी भुगतान किया गया है उस पर उत्पाद शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव।
  • बिजली से संचालित वाहन में लगने वाले लीथियम आयन बैटरी का उत्पादन करने वाले मशीनीरी/कैपिटल गुड्स पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 31.03.2024 तक किया गया।
  • हरित मोबिलिटी को और संवेग प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त बैटरियों के लिथियम आयन सेलों के विनिर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जा रही है।
  • मोबाइल फोनों के विनिर्माण में घरेलू मूल्यवर्धन को और बढ़ाने के लिए, कुछ एक पूर्जों और कैमरा लैंसो जैसे आदानों के आयात पर बेसिक सीमा शुल्क में राहत देने और लिथियम-आयान बैटरी सेलों पर रियायती शुल्क को एक और वर्ष लिए जारी रखना प्रस्तावित।
  • टीवी पैनल के ओपन सेलों के पूर्जों पर बेसिक सीमा शुल्क को घटा कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों पर बेसिक सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों के हीट क्वायलों पर आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • रसायन उद्योग में डिनेचई इथाइल अल्कोहल का उपयोग किया जाता हैं। इस बेसिक सीमा शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव।
  • घरेलू फ्लोरोकेमिकल्स उद्योग में प्रतिस्पर्धा कायम रखने के लिए एसिड ग्रेड फ्लोरसपार पर बेसिक सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत किया जा रहा है।
  • इपिक्लोरोहाइड्रिन के विनिर्माण में प्रयुक्त कच्चे ग्लिसरिन पर बेसिक सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से कम् कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • श्रीम्प फीड के घरेलू विनिर्माण के लिए मुख्य इनपुट पर शुल्क में कमी का प्रस्ताव।
  • प्रयोगशाला निर्मित हीरों (एलजीडी) के विनिर्माण में प्रयुक्त बीजों पर सीमा शुल्क को घटाने का प्रस्ताव।
  • सोने के डोरे और बारों और प्लेटिनम पर सीमा शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव।
  • चांदी के डोरे, बारों और सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव।
  • सीआरजीओ स्टील के विनिर्माण के लिए कच्ची सामग्री, लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर बेसिक सीमा शुल्क छूट जारी।
  • कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती बीसीडी को जारी रखा गया।
  • संमिश्रित रबर पर बेसिक सीमा शुल्क को बढ़ाकर, लेटेक्स को छोड़कर अन्य प्राकृतिक रबर के बराबर, 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम, जो भी कम हो करने का प्रस्ताव।
  • विनिर्दिष्ट सिगरेटों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता शुल्क (एनसीसीडी) को तीन वर्ष पूर्व संशोधित किया गया था। इसमें लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया गया।

अप्रत्यक्ष कराधान हेतु प्रस्तावित सुधार – 

  • सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 को आवेदन दायर करने की तारीख से 9 महीने की समयसीमा विनिर्दिष्ट करने के लिए निपटान आयोग द्वारा अंतिम आदेश पारित करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव।
  • एंटी डम्पिंग ड्यूटी (एडीडी), काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) और सुरक्षात्मक उपायों से संबंधित प्रावधानों के दायरे और प्रायोजन को स्पष्ट करने के लिए सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
  • सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा-
    • जीएसटी के अंतर्गत अभियोजन की शुरूआत करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जाएगा।
    • कम्पाउडिंग कर राशि की वर्तमान 50 से 150 प्रतिशत वर्तमान सीमा को घटाकर 25 से 100 प्रतिशत किया जाएगा।
    • कुछ अपराधों को अपराधीकरण की सीमा से बाहर किया जाएगा।
    • संबंधित रिटर्न विवरण को भरने की निर्धारित तिथि से न्यूनतम तीन वर्षों की अवधि तक रिटर्न विवरणी को भरने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
  • ई-वाणिज्य संचालनों (ईसीओ) के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए गैर-पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं को मिश्रित करदाताओं को सक्षम बनाया जाएगा।

 

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