छन्द |
1. सुन सिय सत्य असीम हमारी पूजहि मन कामना तुम्हारी प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है-
(अ) सोरठा
(ब) चौपाई
(स) दोहा
(द) बरवै
2. छप्पय में होते हैं-
(अ) प्रथम चार चरण रोला के और अन्तिम दो चरण उल्लाला के
(ब) प्रथम दो चरण रोला के और अन्तिम चार चरण उल्लाला के
(स) प्रथम चार चरण चौपाई के और अन्तिम दो चरण दोहा के
(द) इनमें से कोई नहीं
3. जो जग हित पर प्राण निछावर है कर पाता। जिसका तन है किसी लोक हित में लग जाता। ये है-
(अ) दोहा
(ब) रोला
(स) बर
(द) हरिगीतिका
4. श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि । बरनउ रघुवर विमल जस, जो दायक फल चार । प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है-
(अ) दोहा
(ब) चौपाई
(स) सवैया
(द) कवित्त
5. दोहे और रोले को क्रम से मिलाने पर कौन-सा छंद बनता है-
(अ) हरिगीतिका
(ब) कुण्डलिया
(स) सवैया
(द) बरवै
6. अवधि शिला का उर पर था गुरु भार तिल-तिल काट रही थी. दृग जल धार प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है-
(अ) दोहा
(ब) सोरठा
(स) रोला
(द) बरवै
7. जिस छन्द के प्रथम तथा तृतीय चरण में 12-12 मात्राएँ एवं द्वितीय तथा चतुर्थ चरण में 7-7 मात्राएँ होती हैं, साथ ही सम चरणों के अन्त में जगण ( |S|) होता है, वह छंद है-
(अ) मालिनी
(ब) बरवै
(स) रोला
(द) इन्द्रवजा
8. निम्नलिखित में से कौन-सा छंद दोहा का विपरीत छंद है-
(अ) रोला
(ब) छप्पय
(स) चौपाई
(द) इनमें से कोई नहीं
9. घनाक्षरी छंद है-
(अ) मात्रिक
(ब) वर्णिक
(स) आक्षरिक
(द) इनमें से कोई नहीं
10. बिना विचार जब काम होगा, कभी न अच्छा परिणाम होगा। प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है-
(अ) सोरठा
(ब) मालिनी
(स) दोहा
(द) उपेन्द्रवजा
11. मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदशरथ अजिर बिहारी इन पंक्तियों में किस छंद का प्रयोग हुआ है-
(अ) दोहा
(ब) चौपाई
(स) सोरठा
(द) सवैया
12. जिस छंद को कवि अपनी इच्छानुसार घटा-बढ़ा कर रचना करता है, उसे कहते हैं-
(अ) गेय छंद
(ब) अकविता छंद
(स) केंचुआ छंद
(द) घनाक्षरी
13. निम्न में से कौन वर्णिक छंद है-
(अ) दोहा
(ब) चौपाई
(स) सवैया
(द) रोला
14. वर्णिक छंदों में किसका विचार होता है-
(अ) वर्ण का
(ब) मात्रा और वर्ण का
(स) मात्रा का
(द) वर्ण की गुरुता का
15. निम्न में कौन मात्रिक छंद है-
(अ) दोहा
(ब) चौपाई
(स) रोला
(द) ये सभी
16. निम्न में से कौन वर्णिक छंद है-
(अ) दोहा
(ब) चौपाई
(स) सवैया
(द) रोला
17. लालदेह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर वज्र देहदानव दलन, जय जय जय कपिसूर ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है-
(अ) सोरठा
(ब) चौपाई
(स) दोहा
(द) बरवै
18. सुन सिय सत्य असीस हमारी। पूजहि मन कामना तुम्हारी ॥ उक्ति पंक्ति में कौन-सा छंद है-
(अ) चौपाई
(ब) दोहा
(स) सोरठा
(द) बरवै
19. दोहा के प्रथम और तृतीय चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं-
(अ) 11
(ब) 12
(स) 14
(द) 13
20. छंद की प्रथम चर्चा कहाँ हुई-
(अ) महाभारत में
(ब) अथर्ववेद में
(स) ऋग्वेद में
(द) रामचरितमानस में
21. ‘रामचरितमानस’ नामक महाकाव्य की रचना-शैली है-
(अ) दोहा-चौपाई शैली
(ब) बरवै शैली
(स) मसनवी शैली
(द) उपर्युक्त सभी
22. वीर या आल्हा किस जाति का छंद है-
(अ) वर्णिक
(ब) मात्रिक
(स) मुक्त
(द) इनमें से कोई नहीं
23. अर्द्धसम मात्रिक जाति का छंद है-
(अ) रोला
(ब) दोहा
(स) चौपाई
(द) कुण्डलिया
24. किस छंद को ‘मनहरण’ कहा जाता है-
(अ) दोहा
(ब) घनाक्षरी
(स) सवैया
(द) बरवै
25. “मूक होई वाचाल पंगु चढ्इ गिरिवर गहन । जसु कृपा सो दयाल, द्रवहु सकल कलिमल दहन ।” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन- सा छंद है-
(अ) दोहा
(ब) चौपाई
(स) सोरठा
(द) बरवै
26. अनुष्टुप है-
(अ) एक छंद
(ब) एक अलंकार
(स) एक रस
(द) एक गुण
27. जय हनुमान ग्यान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर प्रस्तुत पंतियों में कौन-सा छंद है-
(अ) सोरठा
(ब) चौपाई
(स) दोहा
(द) बरवै
28. कुण्डलिया छंद किन दो छंदों से मिलकर बनता है-
(अ) सोरठा और रोला
(ब) दोहा और रोला
(स) दोहा और चौपाई
(द) दोहा और सोरठा
29. ‘छंदशास्त्र’ के प्रणेता आचार्य माने जाते हैं-
(अ) पतंजलि
(ब) पिंगल
(स) पाणिनी
(द) मनु
30. छंद को पढ़ते समय ठहराव की स्थिति को कहते हैं-
(अ) गति
(ब) यति
(स) पद
(द) तुक