अलंकार
अलंकार 1. जहाँ एक व्यंजन की आवृत्ति एक या अनेक बार हो, वहाँ होता है- (अ) छेकानुप्रास (ब) वृत्यनुप्रास (स) लाटानुप्रास (द) अनेकानुप्रास 2. “तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए झुके कूल सो जल परसन हित मनहुँ सुहाए।” उपर्युक्त पंक्तियों में अलंकार है- (अ) उत्प्रेक्षा (ब) वृत्यनुप्रास (स) शब्दार्थालंकार (द) स्वभावोक्ति 3. “फूले कास सकल […]