उत्पादन |
61. पैमाने की किफायत विद्यमान होती है जब-
(अ) फर्म बहुत छोटी एवं विशेषज्ञता प्राप्त होती हैं।
(ब) निर्गत में वृद्धि के साथ उत्पादन की इकाई के उत्पादन में दीर्घकालीन लागत में गिरावट आती हैं।
(स) व्यापार साथी को खोजने की लागत कम होती हैं।
(द) फर्म द्वारा अतिरिक्त आगतों के उपयोग का निर्णय लेने से आगतों की कीमत में वृद्धि नहीं होती हैं।
62. उत्पादन कार्य प्रतीक है-
(अ) आर्थिक संबंध का
(ब) सामाजिक संबंध का
(स) औद्योगिक संबंध का
(द) लागत संबंध का
63. इनमें से कौन-सा उत्पादन का कारक नहीं है?
(अ) भूमि
(ब) बैंकों का ऋण
(स) ग्रामीण
(द) पूँजी
64. कारकों की निम्नतम लागत का संयोजन या उत्पादक के संतुलन को अब ……… वक्र एवं समलागत वक्र द्वारा प्रतिपादित किया जाता है।
(अ) सम उत्पाद
(ब) सम प्रक्रिया
(स) (अ) एवं (ब) दोनों
(द) इनमें से कोई नही
65. जब कुल उत्पादन में बढ़ती हुई दर से वृद्धि होती है तो-
(अ) सीमांत उत्पाद शून्य होगा
(ब) सीमांत उत्पाद बढे़गा
(स) सीमांत उत्पाद में कमी होगी
(द) सीमांत उत्पाद लगातार स्थिर रहेगा
66. अर्थव्यवस्था में उत्पादन का अर्थ है-
(अ) विनिर्माण
(ब) बनावट
(स) सृजित करना
(द) गठित करना
67. सीमांत उपभोग प्रवृत्ति ……….. के बीच रहती है।
(अ) 0 से 1
(ब) 0 से ∞
(स) 1 से ∞
(द) ∞ से ∞
68. उत्पादन कार्य संबंधित है-
(अ) उत्पादन के लिए लागत से
(ब) आगत के लिए लागत से
(स) अंतिम उत्पाद के लिए आरम्भिक आगत से
(द) लाभ के लिए वेतन स्तर से
69. समान मात्रा (Isoquant) जो अधोमुखी ढलान वाली सीधी रेखाएं होती हैं। यह बताती हैं कि आगत………..
(अ) संपूर्ण स्थानापन्न है
(ब) अपूर्ण स्थानापन्न है
(स) एक साथ उपयोग नहीं किए जा सकते
(द) एक विशेष अनुपात में एक साथ उपयोग किए जाने चाहिए
70. जब उद्योग ……….. की अवस्था में कार्य करता है तब निर्गत का विस्तार तय (निर्धारित) करना नीतिगत कार्य होता है।
(अ) वर्द्धमान प्रतिफल
(ब) स्थायी प्रतिफल
(स) ह्रासमान प्रतिफल
(द) नकारात्मक प्रतिफल
71. उत्पादन के चार कारक हैं-
(अ) भूमि, श्रम, पूंजी, संगठन
(ब) भूमि, विद्युत, पानी, श्रमिक
(स) श्रम, पूंजी, भूमि, वर्षा
(द) श्रम, पर्यावरण, भूमि उपकरण
72. उत्पादन के कारकों के न्यूनतम भुगतान को कहा जाता है-
(अ) आभासी लागत
(ब) किराया
(स) मजदूरी
(द) भुगतान का स्थानांतरण
73. अधिशेष को भूमि के अलावा अन्य कारकों द्वारा व अल्पकाल में कमाया जाता है, उसे कहा जाता है-
(अ) आर्थिक किराय
(ब) निवल किराया
(स) अर्द्ध किराया
(द) अलौकिक सामान्य किराया
74. पूँजी व श्रम के स्तर का समान लागत वक्र प्रस्तुत करता है-
(अ) सीमांत उत्पादकता का स्थिर रहना
(ब) उत्पादन का समान स्तर प्राप्त करना
(स) समान कुल लागत का होना
(द) उपर्युक्त सभी
75. धन मजदूरी देना, यदि अर्थव्यवस्था में मूल्य स्तर बढ़ता है तो वास्तविक मजदूरी में होगी-
(अ) बढ़ोत्तरी
(ब) कमी
(स) यथावत रहेग
(द) लचीली होगी
76. अर्द्ध किराया एक अवधारणा है-
(अ) मध्यम काल की
(ब) दीर्घकाल की
(स) अल्पकाल की
(द) समय की कोई पाबंदी नही
77. निम्न में से कौन-सा कथन उत्पादन क्रियाओं का सर्वाेत्तम वर्णन करता है?
(अ) दिये गए आगतों से अधिकतम लाभ सृजित करना
(ब) दिए गए आगतों से अधिकतम स्तर तक निर्गत सृजित करना
(स) निर्गत का सभी स्तरों पर दिये गए आगतों से सृजन
(द) आगतों के सभी स्तरों से दिये हुए निर्गतों का उत्पादन हो सके
78. पैमाने प्रतिफल पैमाना, निर्गत में परिवर्तन होता है जब-
(अ) सभी आगतें आनुपातिक रूप से बढ
(ब) अन्य सभी आगतों को स्थिर करते हुए श्रम बढ़ना
(स) पूँजी उपकरण का दो गुना होगा
(द) विशेषीकरण बढ़ना
79. …………… कहता है कि यदि अन्य आगतों के स्थिर रहने के साथ ही रोजगार आगत में बढ़ोतरी होती हैं। अंत में यह एक बिंदु तक पहुँच जाएगा जिसके बाद में निर्गत (अर्थात उपर्युक्त आगत की सीमांत उत्पाद) बढ़ना शुरू हो जाएगा-
(अ) ह्रासमान सीमांत उत्पाद नियम
(ब) परिवर्ती अनुपात नियम
(स) अल्प अवधि
(द) दीर्घ अवधि
80. ……….. कहता है कि कारक आगत का जब सीमांत उत्पाद शुरू में अपने रोजगार स्तर के साथ बढ़ जाता है लेकिन एक निश्चित स्तर पर पहुँचने के बाद इसमें गिरावट आने लगती है।
(अ) ह्रासमान सीमांत उत्पाद नियम
(ब) परिवर्ती अनुपात नियम
(स) अल्प अवधि
(द) दीर्घ अवधि