बोद्ध धर्म |
181. भागवत् सम्प्रदाय के विकास में किसका योगदान अत्यधिक था?
(अ) पार्थियन
(ब) हिन्द-यूनानी लोग
(स) कुषाण
(द) गुप्त
182. अभिलेख, जो प्राचीन राजस्थान में भागवत सम्प्रदाय के प्रभाव की पुष्टि करता है –
(अ) घटियाला अभिलेख
(ब) हेलियोदोरस का बेसनगर अभिलेख
(स) बुचकल अभिलेख
(द) घोसुण्डी अभिलेख
183. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही कालानुक्रम है?
(अ) शंकराचार्य-रामानुज-चैतन्य
(ब) रामानुज-शंकराचार्य-चैतन्य
(स) रामानुज-चैतन्य-शंकराचार्य
(द) शंकराचार्य-चैतन्य-रामानुज
184. किस संत ने अद्वैतवाद का प्रतिपादन किया?
(अ) शंकराचार्य
(ब) रामानन्द
(स) कबीर
(द) चैतन्य
(य) इनमें से कोई नहीं
185. कौनसा अभिलेख भागवत अनुयायियों में वृष्णि-विरस की पूजा का उल्लेख करता है?
(अ) नागावी अभिलेख
(ब) बेसनगर अभिलेख
(स) मोरा कूप अभिलेख
(द) चन्द्रगुप्त-II का मथुरा अभिलेख
186. वृष्णी वंश के पाँच वीरों का उल्लेख निम्न में से किस अभिलेख में हुआ है?
(अ) मोरा अभिलेख
(ब) धुसुण्डी अभिलेख
(स) हेलियोडोरस का बेसनगर अभिलेख
(द) नयनिका का नानाघाट अभिलेख
187. हेलियोडोरस के बेसनगर अभिलेख में निम्नांकित का उल्लेख है –
(अ) संकर्षण एवं वासुदेव
(ब) संकर्षण प्रद्युम्न एवं वासुदेव
(स) केवल वासुदेव
(द) सभी पंचवीर
188. भागवत धर्म का ज्ञात सर्वप्रथम अभिलेखीय साक्ष्य है –
(अ) समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति
(ब) गौतमी बलश्री का नासिक अभिलेख
(स) बेसनगर का गरुड़ स्तम्भ
(द) धनवेद का अयोध्या अभिलेख
189. भागवत धर्म से संबंधित प्राचीन अभिलेखीय साक्ष्य मिलता है
(अ) समुद्रगुप्त का इलाहाबाद अभिलेख
(ब) हेलियोडोरस का बेसनगर अभिलेख
(स) स्कन्दगुप्त का भितरी स्तम्भलेख
(द) मेहरौली स्तम्भ अभिलेख
190. बेस नगर स्तम्भ अभिलेख में निम्नलिखित में से किसे भागवत कहा गया है?
(अ) अन्तलिकित
(ब) भागभद्र
(स) हेलिओडोरस
(द) वासुदेव
191. निम्नलिखित में से किसके लिए वर्णन है कि उसने विदिशा में वासुदेव के सम्मान में गरुण-स्तम्भ स्थापित किया?
(अ) अन्तलिकित
(ब) भागवत
(स) डेमेट्रिअस
(द) हेलिओडोरस
192. बेसनगर में हेलियोडोरस ने जो स्तम्भ स्थापित किया था, वह किससे सम्बन्धित था –
(अ) विष्णु
(ब) वासुदेव
(स) कृष्ण
(द) नारायण
193. हिन्दू देवता, जिसकी कभी-कभी ग्रीक लेखकों ने हैराक्लीज से अभिन्नता स्थापित की है –
(अ) स्कन्द है
(ब) शिव है
(स) कृष्ण है
(द) पर्जन्य है
194. आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठ कहाँ स्थित है?
(अ) श्रृंगेरी, द्वारका, जोशीमठ, प्रयाग
(ब) द्वारका, जोशीमठ, प्रयाग, काँची
(स) जोशीमठ, द्वारका, पुरी, श्रृंगेरी
(द) पुरी, श्रृंगेरी, द्वारका, वाराणसी
195. निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ में ‘अवतारवाद’ की चर्चा है?
(अ) ऐतरेय ब्राह्मण
(ब) कौशीतकी उपनिषद्
(स) मनुस्मृति
(द) भगवद्गीता
196. किसके सिक्कों पर संकर्षण एवं वासुदेव दोनों अंकित है?
(अ) अगाथोक्लीज
(ब) हुविष्क
(स) चन्द्रगुप्त द्वितीय
(द) भागभद्र
197. निम्नलिखित में से कौन विशिष्टाद्वैत से सम्बन्धित था?
(अ) शंकर
(ब) माधव
(स) चैतन्य
(द) रामानुज
198. निम्नलिखित में से कौन वैष्णव धर्म के सनक सम्प्रदाय का आचार्य था?
(अ) चैतन्य
(ब) निम्बार्क
(स) रामानुज
(द) विट्ठल
199. निम्नलिखित में कौन एक आलवार सन्त थे?
(अ) कल्लट
(ब) कुलशेखर
(स) रामानुज
(द) श्रीकण्ठ
200. निम्नलिखित में कौन एक श्री आलवार सन्त है?
(अ) तिरुपान
(ब) पेरुमाल
(स) मधुर कवि
(द) आण्डाल
201. निम्नलिखित में से कौन एक आलवार सन्त थे?
(अ) कुलशेखर
(ब) सम्बन्दर
(स) अप्पर
(द) वेन्कटनाथ
202. निम्नलिखित में से कौन छठीं शताब्दी ईसा पूर्व में आजीवक धर्म सम्प्रदाय का गुरू था?
(अ) महावीर
(ब) मक्खलि गोसाल
(स) पूरन कश्यप
(द) अजित केसकम्बलिन
203. निम्नलिखित में से किसने प्रतिपादन किया कि भाग्य ही सब कुछ निर्धारित करता है, मनुष्य असमर्थ होता है?
(अ) जैनियों ने
(ब) बौद्वों ने
(स) आजीवकों ने
(व) मीमाँसकों ने
204. आजीवक धर्म-सम्प्रदाय के धर्मगुरु का नाम था?
(अ) अजित केसकम्बलिन
(ब) पूरन कश्यप
(स) सुदास
(द) मक्खलिपुत्र गोशाल
205. आजीवक सम्प्रदाय के संस्थापक कौन थे?
(अ) उपालि
(ब) आनन्द
(स) राहुलभद्र
(द) मक्खलिपुत्त गोशाल
206. पालि आगम के अनुसार निम्नलिखित में से किसका यह मत था कि मृत्यु के पश्चात् सब कुछ नष्ट हो जाता है, अतएव कर्म का कुछ भी फल नहीं हो सकता?
(अ) अजित केशकम्बलि
(ब) मक्खलि गोसाल
(स) निगंठ नातपुत्त
(द) पूरण कस्सप
207. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राचीन भारत में शैव सम्प्रदाय था?
(अ) आजीवक
(ब) मत्तमयूर
(स) मयमत
(द) ईशान शिव गुरुदेव पद्धति
208. पाशुपत सम्प्रदाय के प्रवर्तक लकुलीश कहाँ पैदा हुए थे?
(अ) राजस्थान में
(ब) मध्य प्रदेश में
(स) गुजरात में
(द) उत्तर प्रदेश में
209. शैव धर्म के इतिहास में कायावरोहण का क्या महत्व है
(अ) यह पाशुवत सम्प्रदाय के एक प्रमुख लक्षण पशुपाश-विमोक्षण से अभिन्न है।
(ब) यह लकुलीश का जन्मस्थान था।
(स) यह कापालिकों के व्रतों में से एक व्रत था।
(द) यह कालामुख सम्प्रदाय के अनुयायियों के लिए निर्धारित एक धार्मिक कृत्य था।