जैन धर्म : महावीर (जीवनी एवं शिक्षायें) |
61. त्रिरत्न सिद्वान्त (Doctrine of three jewels) – सम्यक् धारणा, सम्यक् चरित्र, सम्यक् ज्ञान जिस धर्म की महिमा है, वह है –
(अ) बौद्ध धर्म
(ब) ईसाई धर्म
(स) जैन धर्म
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
62. निम्न में जैन धर्म के त्रिरत्न में क्या शामिल नहीं था?
(अ) पूर्ण ज्ञान
(ब) ध्यान
(स)कर्म
(द) मुक्ति
63. जैन धर्म का आधारभूत बिन्दु है
(अ) कर्म
(ब) निष्ठा
(स) अहिंसा
(द) विराग
64. कूर्चक एक सम्प्रदाय था –
(अ) वैष्णव धर्म का
(ब) शैव धर्म का
(स) जैन धर्म का
(द) बौद्ध धर्म का
65. जैनों के अनुसार निम्नलिखित में से कौन एक बहु देशव्यापी अस्तिकाय द्रव्य अपवाद है?
(अ) जीव
(ब) पुद्गल
(स) आकाश
(द) काल
66. जैन धर्म के कर्म परमाणुओं के पूर्ण विनाश को सूचित करने वाली अवस्था को कहा जाता है –
(अ) अजीव
(ब) आदाव
(स) जीव
(द) निर्जरा
67. ‘जियो और जीने दो’ किसने कहा:
(अ) महावीर स्वामी
(ब) गौतम बुद्व
(स) महात्मा गाँधी
(द) विनोबा भावे
68. निम्नलिखित में से कौन जैन धर्म का संरक्षक नहीं था?
(अ) बिम्बिसार
(ब) खारवेल
(स) कनिष्क
(द) चन्द्रगुप्त मौर्य
69. जैन समुदाय में प्रथम विभाजन के समय श्वेताम्बर समुदाय के संस्थापक थे –
(अ) स्थूलभद्र
(ब) भद्रबाहु
(स) कालिकाचार्य
(द) देवृऋषि-क्षमी वर्मन
70. निम्नलिखित में से कौन सा धर्म विश्व विनाशकारी ‘प्रलय’ की अवधारणा में विश्वास नहीं करता?
(अ) बौद्ध धर्म
(ब) जैन धर्म
(स) हिन्दू धर्म
(द) इस्लाम
71. श्रवणबेलगोला स्थित है –
(अ) तमिलनाडु में
(ब) गुजरात में
(स) कर्नाटक में
(द) आन्ध्र प्रदेश में
72. किस धर्म को राष्ट्रकूटों का संरक्षण प्राप्त था?
(अ) बौद्ध धर्म
(ब) जैन धर्म
(स) शैव धर्म
(द) शाक्त धर्म
73. महावीर के अनुसार मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य संसार से मुक्ति प्राप्त करने को इस प्रकार कहा गया है –
(अ) जिन
(ब) निर्वाण
(स) कर्म
(द) कैवल्य
74. जैन धर्म में पूर्णज्ञान के लिए क्या शब्द है?
(अ) जिन
(ब) रत्न
(स) कैवल्य
(द) निर्वाण
75. महावीर जैन की मृत्यु निम्नलिखित में से किस नगर में हुई?
(अ) राजगीर
(ब) राँची
(स) पावापुरी
(द) समस्तीपुर
76. निम्नलिखित राजाओं में से कौन जैनधर्म का संरक्षक था?
(अ) अशोक
(ब) हर्ष
(स) पुलकेशिन द्वितीय
(द) खारवेल
77. निम्नलिखित में से कौन जैन धर्म के ‘अनंत-चतुष्टय’ में सम्मिलित नहीं किया गया है?
(अ) अनंत शांति
(ब) अनंत ज्ञान
(स) अनंत दर्शन
(द) अनंत वीर्य